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पहल: ग्रामीण विकास में छात्र देंगे सीधी भागीदारी, गांवों को लेंगे गोद

रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल पर 31 जनवरी तक मोहलत, गांव वालों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करेगी नई पहल।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 03:34 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 04:00 PM (IST)
पहल: ग्रामीण विकास में छात्र देंगे सीधी भागीदारी, गांवों को लेंगे गोद
पहल: ग्रामीण विकास में छात्र देंगे सीधी भागीदारी, गांवों को लेंगे गोद

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नत भारत अभियान को सफल बनाने में उच्च शिक्षण संस्थान भी मदद करेंगे। इन संस्थानों में अध्ययनरत चुनिंदा छात्र ग्रामीण विकास में भागीदारी देंगे। ग्रामीणों की दैनिक समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न तरीकों से एक-दूसरे के साथ मिलजुल कर कार्य करेंगे। इस नई पहल पर काम करते समय छात्रों को ग्रामीण जीवन का अनुभव मिलेगा, जो बदले में गांव वालों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करेगा।

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   अपनी तरह का यह खास अभियान प्रधानमंत्री के भारत को बदलने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। आधी आबादी गांवों में रहती है और प्रत्येक गांव की अपनी चुनौतियां होती हैं। इस तथ्य को समझते हुए कि गांवों में सुधार की जरूरत है और वह भी तेज गति से। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया यह अनूठा कार्यक्रम छात्रों के लिए एक वास्तविक भारत दर्शन के रूप में कार्य करेगा। इसके अलावा यह ग्रामीणों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं के व्यावहारिक समाधान खोजने का छात्रों के लिए एक अनूठा अवसर भी होगा। 

आइआइटी मुहैया कराएगी टेक्नोलॉजी

यूजीसी ने रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल पर 31 जनवरी तक आखिरी समय रखा है। ऑनलाइन अप्लाई आरंभ है। क्राइटेरिया पूरा करने वाली संस्थानों का चयन होगा। फिर वे गांवों के विकास में मदद करेंगे। आइआइटी दिल्ली ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए समझौते किए हैं। कार्यक्रम का पहला चरण शुरू हो चुका है। अगले चरण में और अधिक संस्थान जोड़े जाएंगे। चूंकि, उच्च शिक्षा संस्थानों को बड़े पैमाने पर सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और इसलिए इस अभियान में छात्रों की भागीदारी उसकी वापसी के समान होगी।

पांच-पांच गांवों की होगी पहचान

छात्रों को यह कार्यक्रम शुरू करने के लिए अपने आसपास के क्षेत्र में कम से कम पांच गांवों की पहचान करनी होगी। उनका साथ कॉलेज-विश्वविद्यालय के कम से कम दो संकाय सदस्य देंगे, जो ग्रामीण क्षेत्रों में विकास गतिविधियों से जुड़े हुए होंगे।

गांव की बदल जाएगी तस्वीर

इस कार्यक्रम के मुख्य लक्ष्यों में शामिल हैं, सौ फीसदी स्कूल परिणाम प्राप्त करना, प्रत्येक गांव में 25 नौकरियां पैदा करना, ग्रामीण आय में वृद्धि करना, पेयजल प्रदान करना, स्वच्छता के मुद्दों को हल करना, गांव में कचरा निपटान आदि। छात्रों को स्वास्थ्य, स्वच्छता व अपशिष्ट प्रबंधन, पौधरोपण, वित्तीय समावेशन और महिला एवं बाल विकास से संबंधित मुद्दों की मूल समस्याओं की पहचान करने और इनके समाधान के लिए स्थानीय ग्रामीण भी उनका साथ देंगे।  


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