कोटा से वापस आए विद्यार्थियों ने सुनाई अपनी पीड़ा, कहा- सरकार ने बुलाने में कर दी देर, डर से नहीं आती थी नींद
जंक्शन से लाइव कोटा से मुजफ्फरपुर अाए सैंकड़ों विद्यार्थी। घर जाने की बेसब्री में बोले- सर खाना नहीं चाहिए जल्दी घर पहुंचा दीजिए। विद्यार्थियों ने अपनी पीड़ा सुनाई जानिए...
मुजफ्फरपुर, अंकित कुमार। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लॉकडाउन के बावजूद चहल-पहल थी। दिन के तीन बज रहे थे और कोटा से उत्तर बिहार के सैंकड़ों विद्यार्थियों को लेकर चली ट्रेन प्लेटफॉर्म संख्या एक पर पहुंचने वाली थी। जिला प्रशासन के अधिकारी, पुलिस और एसडीआरएफ के जवान मोर्चा संभाले हुए थे। तभी 03 बजकर 01 मिनट पर कोटा से चली विशेष ट्रेन ने प्लेटफॉर्म संख्या एक पर दस्तक दी। उसमें सवार छात्र-छात्राएं मानों प्रशासन का धन्यवाद कर रहे हों। छात्र-छात्राएं ट्रेन में ही ताली बजाकर खुशी का इजहार कर रहे थे। प्रशासन की ओर से माइक्रोफोन से छात्र-छात्राओं को बारी-बारी से उतरने की हिदायत दी जा रही थी। प्रपत्र में सूचना भरे जाने के बाद ही सैनिटाइजेशन के लिए आगे बढऩे को कहा जा रहा था।
जब छात्र-छात्राएं बस की ओर बढ़े तो बस संचालकों ने उनका सहयोग कर सामान बस तक पहुंचाया। विद्यार्थी बस में सवार होते ही पूछने लगे। सर, बस कब खुलेगी। बस संचालक ने सूचना दी कि प्रशासन की ओर से भोजन का प्रबंध है वह मिल जाता है तो बस खुल जाएगी। लेकिन, बच्चे खाना से ज्यादा घर पहुंचने को उत्सुक थे। सीतामढ़ी के लिए बस में सवार हुए अंकित कुमार ने कहा कि सर, खाना नहीं भी मिलेगा तो कोई बात नहीं, पहले घर पहुंचा दीजिए। अन्य विद्यार्थी भी जल्दी घर पहुंचने के लिए काफी बेचैन थे।
दास्ता-ए-कोटा: छात्रों की जुबानी
सुबह का नाश्ता और दूध कर दिया था बंद, बोले अब खाना भी नहीं मिलेगा
रेजोनेंस और एनएन कोचिंग में इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के दर्द को सुनकर हर कोई भावुक हो जा रहा था। अभिषेक ने बताया कि पीजी में महीने का किराया देने के बाद भी खाने का अलग से चार्ज लिया जा रहा था। ज्योति ने बताया कि पहले नाश्ता और दूध बंद कर दिया। अब बार-बार आकर कह रहे थे कि खाना भी बंद हो जाएगा।
बगल के मुहल्ले में मिला कोराना का मरीज तो डर से गायब हुई नींद
कोटा के विज्ञाननगर से आए विकास, स्वाती, सुमन राहुल आदि ने बताया कि बगल के मोहल्ले और जहां रहते थे उसके आसपास कई कोरोना पॉजिटिव केस मिले। इसके बाद डर से नींद नहीं आ रही थी। बिहार सरकार को लगातार ट्वीट कर रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा था तो हमलोग परेशान थे। अब बस जल्दी घर पहुंच जाएं यही उत्सुकता है।
दूसरे राज्य के बच्चे चले गए और हमलोग फंसे थे
वैशाली के सन्नी कुमार, सौरभ और बिपुल ने बताया कि बिहार के अलावे अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को सरकार ने व्यवस्था कर बुलवा लिया था। ऐसे में हमलोग मानसिक तनाव से ग्रसित होते जा रहे थे।