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एलएस कॉलेज में दिन में टॉर्च लेकर रोजगार ढूंढने निकले छात्र नेता

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एलएस कॉलेज में रोजगार ढूंढो नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 02:50 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 06:13 AM (IST)
एलएस कॉलेज में दिन में टॉर्च लेकर रोजगार  ढूंढने निकले छात्र नेता
एलएस कॉलेज में दिन में टॉर्च लेकर रोजगार ढूंढने निकले छात्र नेता

मुजफ्फरपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एलएस कॉलेज में रोजगार ढूंढो नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। कार्यकर्ताओं ने दिन में टार्च जलाकर कहा- चले हम कहां चलें, टॉर्च लाइट जलाकर हम रोजगार ढूंढने चलें, डिग्रियां लेकर बने हम बेरोजगार, चलें टॉर्च लाकर ढूंढने हम रोजगार, युवा छात्र-छात्राओं की यही पुकार हमें चाहिए रोजगार देने वाली सरकार, रोजगार की आस में हमने किया ग्रेजुएशन और पीजी बिहार सरकार सत्ता की रोटी सेंकने में है बिजी जैसे स्लोगन लिखी तख्ती के साथ कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्र नेता शिवम ठाकुर व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दीपक यादव ने कहा कि बिहार में लाखों युवा बेरोजगार हैं। जिनके पास तमाम डिग्रियां हैं। लेकिन रोजगार नहीं है। सरकार सिर्फ बड़े-बड़े वादे करती है। जमीन पर हकीकत कुछ और है। बिहार के युवा शिक्षित होने के बावजूद पलायन को मजबूर हैं। जो सरकार छात्र युवाओं के लिए नहीं सोचती ऐसे सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। मौके पर जिला संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार, रविभूषण कुमार, पप्पू कुमार, लंगट सिंह महाविद्यालय कोषाध्यक्ष दीपक दास, छात्र नेता आशुतोष पाठक, रोहित कुमार, सतीश कुमार, प्रणव कुमार आलोक कुमार आदि उपस्थित थे।

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सेवाशर्त के लिए कमेटी का पुनर्गठन शिक्षकों के साथ छलावा नियोजित शिक्षकों के लिए सेवाशर्त निर्धारण के लिए कमेटी गठन के निर्णय को शिक्षक संघ ने छलावा बताया है। टीईटी, एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) ने कड़ी आपत्ति जताई है। संघ के मीडिया प्रभारी विवेक कुमार ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के लिए नई सेवाशर्त कमेटी के पुर्नगठन के बजाय नियमित शिक्षकों की भाति वेतनमान एवं सेवाशर्त की घोषणा करे। वर्ष 2015 से ही सेवाशर्त के नाम पर कमेटी का पुनर्गठन किया जाना साजिश है। जबकि कमेटी का गठन तीन महीने के सेवाशर्त का निर्धारण करने के लिए हुआ था। वह कमेटी पिछले पाच वर्षो से शिक्षकों के आखों में धूल झोंक रहा है। 78 दिन की हड़ताल के बाद सरकार ने यह आश्वस्त किया गया था कि स्थिति सामान्य होते ही शिक्षक संघ के प्रतिनिधि के साथ वार्ता की जाएगी। लेकिन अभी तक न सरकार और न विभाग के अधिकारी द्वारा पहल की गई है।


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