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जिद से क्रिकेट की दुनिया में सफलता की उड़ान

गांव का माहौल और किसान पिता। ऐसे घर की बेटी अमीषा कुमारी 'अंशु' ने क्रिकेटर बनने का सपना देखा तो लड़की होना आड़े आ गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 11:29 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 11:41 AM (IST)
जिद से क्रिकेट की दुनिया में सफलता की उड़ान
जिद से क्रिकेट की दुनिया में सफलता की उड़ान

मुजफ्फरपुर। गांव का माहौल और किसान पिता। ऐसे घर की बेटी अमीषा कुमारी 'अंशु' ने क्रिकेटर बनने का सपना देखा तो लड़की होना आड़े आ गया। परिवार वालों का तो सहयोग मिला, लेकिन समाज को रास नहीं आया। इसके बाद भी जिद नहीं छोड़ी। सफलता की सीढि़यां चढ़ने लगी तो अलोचना करने वाले भी तारीफ करने लगे। आज वह अच्छा आलराउंडर होने के साथ खेल शिक्षक भी है। कई बच्चों को क्रिकेट का गुर सिखा रही है। उसकी तमन्ना भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होना है।

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दरभंगा के बहेड़ा क्षेत्र के हावीभौआर गांव के किसान गोपी रमण चौधरी की बेटी अंशु को बचपन से ही क्रिकेट से लगाव था। गांव में खेलने का उचित माहौल नहीं मिल रहा था, इस कारण वर्ष 2012 में मैट्रिक के बाद दरभंगा आ गई। यहां के सीएम साइंस कॉलेज में दाखिला ले लिया। क्रिकेट की दुनिया में पहचान बनाने के लिए उसने सिटी वीमेंस क्रिकेट क्लब ज्वाइन कर लिया। यहां कोच प्रवीण बबलू के सानिध्य में उसके खेल में निखार आया। बैटिंग के साथ बॉलिंग में उसका प्रदर्शन निखरने लगा। कड़ी मेहनत और बेहतर प्रदर्शन की बदौलत उसने पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय महिला क्रिकेट प्रतियोगिता में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी की। वर्ष 2016-17 में उसका चयन बिहार सीनियर वीमेंस क्रिकेट टीम के लिए हुआ। दुर्भाग्य से खेल का आयोजन नहीं हो सका। हाल ही में दल¨सहसराय में संपन्न बिहार जोनल क्रिकेट वीमेंस प्रतियोगिता में उसने बेहतर प्रदर्शन किया है। वह जिला महिला क्रिकेट टीम की कप्तान भी रह चुकी है। वर्ष 2017 में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से आयोजित बीसीए चैलेंजर वीमेंस क्रिकेट प्रतियोगिता में बीसीए ग्रीन टीम की सदस्य रही। पढ़ाई में भी वह अव्वल है। बीएससी ऑनर्स 2017 की परीक्षा में उसे ललित नारायण मिथिला विवि में पहली रैंक मिली थी।

प्रतिदिन छह घंटे प्रैक्टिस :

अंशु बताती है कि उसकी तमन्ना भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होना है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह छह से नौ एवं शाम में चार से सात बजे यानी छह घंटे प्रैक्टिस करती है। अंशु बच्चों को क्रिकेट सिखाने का भी काम करती है। वह महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान में खेल शिक्षक है।

---------- सीएम साइंस कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. अर¨वद कुमार झा ने कहा कि अंशु पढ़ाई के साथ क्रिकेट में बेहतर कर रही है। मेरी शुभकामना है कि वह आगे बढ़े। कॉलेज व मिथिला का नाम रोशन करे। कॉलेज की ओर से उसे हरसंभव प्रोत्साहन मिलेगा।


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