कर्मचारियों की हड़ताल के साथ छात्रसंघ भी अनशन पर उतरा
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बुधवार को पांचवें दिन भी लगातार कामकाज ठप रहा।
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बुधवार को पांचवें दिन भी लगातार कामकाज ठप रहा। रजिस्ट्रार अजय कुमार राय मुख्यालय में बैठे रहे, लेकिन वार्ता के लिए बुलावा नहीं भेजा। इससे कर्मचारी शाम तक कार्य बहिष्कार पर अडिग रहकर विरोध-प्रदर्शन करते रहे। रजिस्ट्रार ने कहा कि कर्मचारियों को वार्ता के लिए स्वयं आना होगा। उन्होंने कुलपति आवास पर गुरुवार सुबह बुलाया है। वहां कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव की मौजूदगी में वार्ता होगी। उधर, विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू के नेतृत्व में छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। छात्रसंघ अध्यक्ष समेत तीन छात्र विश्वविद्यालय भवन के अंदर अनशन पर हैं। रजिस्ट्रार अनशनकारियों से भी मिलने नहीं आए। प्रॉक्टर डॉ. विवेकानंद शुक्ला पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। इन छात्रों का कहना है कि कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से विद्यार्थियों का सारा काम ठप पड़ा है और कुलपति व रजिस्ट्रार बेपरवाह बने हुए हैं। निश्चित समय-सीमा में छात्रों का कार्य हो। यह तय किया जाए कि कितने दिनों में छात्रों को प्रोविजनल, माइग्रेशन, सर्टिफिकेट और कितने दिनों में उनका पेंडिंग रिजल्ट क्लियर होगा।
तीन छात्र अनशन पर, समर्थन में तमाम छात्र खड़े
विवि अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू के साथ एसआरएपी कॉलेज, चकिया के प्रतिनिधि कन्हाई व शब्बीर कुमार अनशन पर बैठे हैं। समर्थन में छात्रसंघ महासचिव स्वर्णिम चौहान, एलएस कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष निकेश कुमार, आरडीएस कॉलेज के अध्यक्ष राजा बाबू, एलएस कॉलेज के काउंसिल मेंबर व वीएसएस नेता ठाकुर प्रिंस, एमडीडीएम कॉलेज की प्रतिनिधि महिमा चौधरी आरडीएस कॉलेज के प्रतिनिधि पुष्कर कुमार, एलएस कॉलेज के उपाध्यक्ष राहुल कुमार, प्रतिनिधि बमबम कुमार, मेघू सिंह, शिवम वर्मा, हेमंत कुमार, संकल्प कुमार, नीरज गुप्ता, सुभाष कुमार, कंचन कुमार, विक्की कुमार आदि डटे हुए हैं।
बात नहीं बनी तो आगे की रणनीति
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के सचिव कुंदन कुमार ने कहा कि रजिस्ट्रार दिन में बात के लिए तैयार नहीं हुए। रात आठ बजे के करीब उनका टेलीफोन आया और गुरुवार को साढ़े दस बजे सुबह वार्ता का समय मुकर्रर किया। विद्यार्थियों के हित में हम कर्मचारी कुलपति आवास पर
जाकर वार्ता को तैयार हैं। वहां सौहार्दपूर्ण वार्ता हुई तो ठीक है, नहीं तो अगली रणनीति तय होगी। सचिव ने कहा कि हड़ताल के कारण विद्यार्थियों को होनेवाली परेशानियों से हम कर्मचारी भी वाकिफ हैं। ऐसे भी कोई सक्षम विद्यार्थी इस यूनिवर्सिटी में पढ़ना नहीं चाहता। यह परिस्थिति पैदा करने वाले पदाधिकारी ही हैं। चूंकि उन लोगों का स्वार्थ छुपा रहता है। किस पद पर अपने किस आदमी को बहाल कर दें, रोज इसी प्रयत्न में ये अधिकारी लगे रहते हैं। वहीं लोग सभी समस्या उत्पन्न करते हैं।