'जय श्री राम' के उद्घोष से गूंजा मुजफ्फरपुर, शंख ध्वनि व पुष्प वर्षा कर किया श्रीराम बरात का स्वागत Muzaffarpur News
Sri Ram Janaki Vivah Barat बरात के साहू पोखर स्थित फलाहारी बाबा मठ पहुंचने पर भक्तों ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद महाआरती की गई। जय श्री राम का उद्घोष वातावरण में गूंजता रहा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हर चौक-चौराहे पर भीड़। प्रभु श्रीराम जानकी विवाह बरात का बेसब्री से इंतजार। मानो पूरा शहर प्रभु श्रीराम की बरात का स्वागत करने के लिए पलकें बिछाए हुए हों। रविवार की सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे प्रभु श्रीराम की बरात यात्रा लदौरा के रास्ते शहर में आई। आगे-आगे दर्जनों युवा बाइक पर भगवा रंग का झंडा लिए चल रहे थे। उसके पीछे रथ पर भगवान राम सहित चारों भाई विराजमान थे। पीछे-पीछे गाडिय़ों का काफिला चल रहा था। 'जय श्री रामÓ के जयघोष से पूरा शहर गूंजता रहा।
लदौरा स्थित छकौरी बाबा मठ पहुंचने पर ग्रामीणों ने बरात का पूरे हर्षोल्लास के साथ भव्य स्वागत किया। उनकी अगुवाई सुमेरा मठ के महंत बाबा कमलदास कर रहे थे। वहां से निकलने के बाद बरात साहू पोखर स्थित फलाहारी बाबा मठ पहुंची। इस बीच गोबरसही चौक, रामदयालु, अघोरिया बाजार व आमगोला स्थित कई जगहों पर बरात के स्वागत की तैयारी की गई थी। घरों और दुकानों को सजाया गया था। शहर में बरात का स्वागत पुष्प वर्षा से हुई। जमकर पटाखे भी फोड़े गये। कहीं बरात में आए लोगों को मिठाई खिलाई गई तो कहीं लोगों शरबत पिलाई। आमगोला ओवरब्रिज के पास हिंदू रक्षा सेना के संयोजक राकेश पटेल के नेतृत्व में बरात का स्वागत हुआ।
बालभोग व महाप्रसाद के साथ किया स्वागत
साहू पोखर स्थित फलाहारी बाबा मठ पहुंचने पर महंत पवन दास के नेतृत्व में बाल भोग और महाप्रसाद के साथ बरात का स्वागत किया गया। इस बीच बारातियों के स्वागत में मिथिलांचल के परंपरागत गीत भी गाए गए। स्वागत करने वालों में आचार्य रंजीत नारायण तिवारी, प्रभात कुमार, साकेत शुभम, हरिशंकर पाठक, मुकेश कुमार, वार्ड पार्षद संजय केजड़ीवाल, बड़ा मंदिर के यदुनंदन राय आदि भी थे।
सर्राफा व्यवसायियों ने भी किया स्वागत
माखन साह चौक पर सर्राफा संघ की ओर से राम बरात का स्वागत किया गया। उन्हें माला पहनाने के बाद अंगवस्त्र भी दिए गए। स्वागत करने वालों में महामंत्री सत्यनारायण प्रसाद, कृष्णमोहन उर्फ घंटी जी, राजीव लोचन गुप्ता, विश्वजीत कुमार, अजीत कुमार, मंजीत कुमार, वार्ड पार्षद केपी पप्पू, सुजीत चौधरी, दिलीप कुमार, कुमार प्रीतम, नवीन, दीपक पोद्दार आदि थे। इसके बाद बरात बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंची।
शंख ध्वनि के साथ उतारी गई आरती
बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंचने पर साधु संतों ने बाबा के गर्भ-गृह में जाकर आशीर्वाद लिया। मौके पर मंदिर प्रशासक पंडित विनय पाठक व संत अमरनाथ के नेतृत्व में शंख ध्वनि के बीच पुष्प वर्षा भी की गई। आचार्य रंजीत नारायण तिवारी ने मंगल पाठ किया। मंदिर प्रशासक ने बरातियों को रामनामी चादर दिए। उनकी आरती भी उतारी गई। स्वागत करने वालों में रिंकू पाठक, अभिषेक पाठक, अनिल चौधरी, गौतम शर्मा, शंकर चौधरी, बबलू चौधरी, अमरनाथ चौधरी, पंडित नवीन ठाकुर, पंडित मनोज मिश्र, पंडित हरिशंकर पाठक आदि थे। इसके बाद बरात सरैयागंज टावर, सिकंदरपुर मोड़ व अखाड़ाघाट के रास्ते पुनौरा धाम, सीतामढ़ी के लिए रवाना हो गई।
जिस रास्ते से गए थे भगवान उसी रास्ते होकर जाएगी बरात
बरात के साथ चल रहे साधु संतों ने बताया कि प्रभु श्रीराम जिस रास्ते से होकर अयोध्या से जनकपुर गए थे। उन्हीं रास्तों से होकर यह बरात जनकपुर पहुंचेगी। बरात में श्रीराम चारों भाई सहित दशरथ की भूमिका में महंत कन्हैया दास, वशिष्ठ बने डॉ.रामेश्वर दास वैष्णव और महर्षि विश्वामित्र के वेश में महंत वैष्णव दास सहित करीब डेढ़ सौ लोग थे। बरात में आए रामायणी रामावतार दास ने अयोध्या को मस्तक तो मिथिला की धरती को तिलक बताया।
108 कन्याओं का होगा विवाह
श्रीराम विवाह आयोजन समिति के संयोजक और विश्व हिंदू परिषद् के केंद्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज ने बताया कि पहली बार श्री सीताराम विवाह के साथ सामूहिक विवाह का कार्यक्रम भी रखा गया है। इसमें 108 कन्याओं का विवाह और ग्यारह सौ कन्याओं का पूजन किया जाएगा। महंत कन्हैया दास ने कहा कि यह बरात समाज से बुराई मिटाकर सुख शांति और समृद्धि स्थापित करने का संदेश देती है।