यूजीसी की ओर से पीएचडी करने वाली महिलाओं को विशेष छूट, इस तरह उठा सकती हैं लाभ
यूजीसी की ओर से जारी पीएचडी रेगुलेशन-2016 के तहत मिलेगा अभ्यर्थियों को लाभ। तीन से छह वर्ष में पूरा करना है पीएचडी महिलाओं को इसके लिए मिलेगा अतिरिक्त समय। अब विश्वविद्यालय के पीजी विभाग और अंगीभूत कालेजों में नियमित नियुक्त शिक्षक ही गाइड बनने की अहर्ता रखेंगे।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कामकाज के उलझन व अन्य कारणों से उच्च शिक्षा से दूरी अब महिलाओं के रास्ते का बाधक नहीं बनेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से जारी पीएचडी रेगुलेशन-2016 में महिला अभ्यर्थियों को विशेष छूट दी जाएगी। नए दिशानिर्देश के अनुसार सामान्य अभ्यर्थियों को पीएचडी पूरा करने के लिए कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम छह वर्ष का समय दिया जाएगा। वहीं महिला अभ्यर्थियों को इस अवधि के अतिरिक्त 24 महीने की छूट मिलेगी। वहीं इसके अतिरिक्त पीएचडी पूरा करने के क्रम में एक बार 240 दिनों का मातृत्व अवकाश या बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश दिया जा सकेगा। इस प्रकार महिला अभ्यर्थियों को सामान्य अभ्यर्थियों की तुलना में 32 महीने का अतिरिक्त समय मिलेगा। विश्वविद्यालय के पीएचडी एडमिशन टेस्ट के नोडल पदाधिकारी प्रो.प्रमोद कुमार ने बताया कि नए रेगुलेशन से पीएचडी करने पर महिला व दिव्यांग अभ्यर्थियों को विशेष लाभ मिलेगा।
40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने पर मिलेगी छूट
40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी पीएचडी करने के लिए अधिकतम तय सीमा के बाद दो वर्षों की छूट मिलेगी। आठ वर्ष में दिव्यांग अभ्यर्थी पीएचडी पूरा कर थीसिस जमा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त एमफिल में दिव्यांग अभ्यर्थियों को एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय व अंगीभूत कालेज के शिक्षक ही बन सकेंगे गाइड
पीएचडी रेगुलेशन-2016 के प्रावधान के अनुसार अब विश्वविद्यालय के पीजी विभाग और अंगीभूत कालेजों में नियमित नियुक्त शिक्षक ही गाइड बनने की अहर्ता रखेंगे। नियमित प्राध्यापक के गाइड बनने के लिए भी शर्त रखी गई है कि उनका कम से कम पांच रिसर्च पब्लिकेशन रेफर्ड जर्नल में प्रकाशित हुआ हो। वहीं एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की डिग्री के साथ ही दो रिसर्च पब्लिकेशन प्रकाशित होने चाहिए। नियमित प्राध्यापक एक सत्र में अधिकतम आठ शोधार्थियों के, एसोसिएट प्राध्यापक छह शोधार्थियों के और असिस्टेंट प्रोफेसर अधिकतम चार शोधार्थियों के गाइड बन सकेंगे।