ब्रजेश समेत 10 आरोपितों की विशेष पॉक्सो कोर्ट में पेशी
बालिका गृह यौन ¨हसा प्रकरण के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित 10 आरोपितों की विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश आरपी तिवारी के समक्ष शनिवार को वीडियो काफ्रेंसिंग से पेशी हुई।
मुजफ्फरपुर। बालिका गृह यौन ¨हसा प्रकरण के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित 10 आरोपितों की विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश आरपी तिवारी के समक्ष शनिवार को वीडियो काफ्रेंसिंग से पेशी हुई। अन्य आरोपित सीडब्ल्यूसी सदस्य विकास कुमार, निलंबित सीपीओ रवि रोशन व सात अन्य महिलाओं की भी पेशी हुई। सुरक्षा कारणों से विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो नरेंद्र कुमार ने सभी आरोपितों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराने की अर्जी विशेष कोर्ट के समक्ष दी थी। इसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनुमति दे दी। सभी आरोपितों की अगली पेशी के लिए कोर्ट ने एक सितंबर की तारीख मुकर्रर की है।
ब्रजेश ने कहा, जेल में जान को खतरा : पेशी के दौरान ब्रजेश ने कोर्ट के समक्ष उसे जेल के उच्च सुरक्षा सेल में रखे जाने का मामला उठाया। कहा कि सेल में उसे माओवादियों के साथ रखा गया है। उनसे उसकी जान को खतरा है। कोर्ट ने इसे जेल की सुरक्षा का मामला बताते हुए किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया।
पिछली पेशी के दौरान ब्रजेश के चेहरे पर पोती गई थी स्याही : आठ अगस्त को पेशी के लिए हाजत से कोर्ट ले जाने के दौरान कचहरी परिसर में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को चेहरे पर एक लड़की ने स्याही पोती थी। शनिवार को अन्य आरोपितों सहित उसकी पेशी को लेकर कचहरी परिसर में भारी गहमा-गहमी थी। इससे कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगी थी। इसको देखते हुए बड़ी संख्या में जवानों का कचहरी परिसर में तैनात किया गया था। वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी के दौरान भी इस कक्ष के बाहर जवानों तैनात किए गए थे, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
तीन जून से जेल में बंद है ब्रजेश : टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की संस्था कोशिश की रिपोर्ट पर 31 मई को जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने इस मामले में अज्ञात के विरुद्ध महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस अनुसंधान के क्रम में इस मामले में ब्रजेश ठाकुर व अन्य की संलिप्तता सामने आई। पुलिस ने दो जून को ब्रजेश ठाकुर व बालिका गृह की सात महिला कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। सभी को तीन जून को कोर्ट में पेश किया जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। पांच जून को सीडब्ल्यूसी सदस्य विकास कुमार व 24 जून को सीपीओ रवि रोशन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अनुसंधान के बाद 26 जुलाई को पुलिस ने सभी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। 28 जुलाई को सीबीआइ ने मामले की जांच अपने हाथ में लिया है। इस दौरान सीबीआइ कई स्थानों पर छापेमारी व संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।