अद्भुत : सोनपुर मेले में हर मोड़ पर सरप्राइज... जानिए क्या है इस बार सबसे बड़ा आकर्षण
Sonpur Mela 2025 : सोनपुर मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला इस बार आगंतुकों के लिए कई सरप्राइज लेकर आया है। सांस्कृतिक कार्यक्रम, झूले, सर्कस और स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टाल लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिससे यह मेला हर उम्र के लोगों के लिए मनोरंजन का एक शानदार अवसर बन गया है।

सोनपुर में आस्था से जुड़े लोगों के लिए एक ही जगह चार धाम दर्शन की झलक । जागरण
सोनपुर मेला, डिजिटल डेस्क : सोनपुर मेले में कदम रखते ही ऐसा महसूस होता है जैसे रंगों, खुशबूओं और आवाज़ों की अलग दुनिया सामने खुल गई हो। हर मोड़ पर कुछ नया, कुछ खास और कुछ यादगार देखने को मिल रहा है।
बच्चों के लिए खिलौनों की भरमार है तो आस्था से जुड़े लोगों के लिए एक ही जगह चार धाम दर्शन की झलक। मंदिरों की आकृतियां और धार्मिक सामग्रियां श्रद्धालुओं को भावविभोर कर रही हैं।

सोनपुर मेले में दूर-दूर से पहुंचे लोग।
मनोरंजन के शौकीनों के लिए मौत का कुआं, सर्कस और ड्रामा शो आकर्षण बने हुए हैं। पशु प्रेमियों के लिए मेला हमेशा की तरह खास है, जहां तरह-तरह के पशु लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। महिलाओं के लिए यह मेला शॉपिंग फेस्टिवल जैसा नजर आ रहा है, वहीं खाने-पीने के शौकीनों को लिट्टी-चोखा से लेकर देशभर के व्यंजनों का स्वाद मिल रहा है।

सोनपुर मेले में राजस्थानी बकरियां।
राजस्थान की ‘तोता बाड़ी’ बनी आकर्षण, 52 हजार की खास बकरी पर टिकी नजरें
मेले में राजस्थान से बकरियां लेकर पहुंचे अरमान खान और अली हुसैन की सबसे खास बकरी ‘तोता बाड़ी’ लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अपनी कद-काठी और खूबसूरती के कारण यह बकरी सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है। इसकी कीमत करीब 52 हजार रुपये बताई जा रही है। दोनों ने बताया कि उनके परिवार की यह परंपरा करीब 40 वर्षों से चली आ रही है और हर साल वे बकरियों के साथ सोनपुर मेला पहुंचते हैं।

सोनपुर मेले में लगा सहकारिता के माध्यम से पंजीकृत स्टाल
मेले में स्वाद का जादू, बिना दूध की खीर और बिना दही की कढ़ी ने बटोरी भीड़
सोनपुर मेले में इस बार स्वाद के शौकीनों के लिए कुछ अलग और अनोखा देखने को मिल रहा है। सहकारिता के माध्यम से पंजीकृत समिति द्वारा लगाए गए स्टाल पर बिना दूध की खीर और बिना दही की कढ़ी लोगों को चौंका रही है। साथ ही शुद्ध शहद और चटपटा रोचक भूंजा भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। राजीव गुप्ता और संजय चौधरी ने बताया कि यह समिति यानी सहकारिता के माध्यम से पंजीकृत है। सोनपुर मेले में सहकारिता मंडप के अंतर्गत यहां बिना दूध की खीर, बिना दही की कढ़ी, शहद जैसे अनोखे उत्पाद उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये सभी उत्पाद नीमतल्ला चौक, कालेज रोड स्थित इकाई में तैयार किए जाते हैं और मेले में प्रदर्शित व बिक्री के लिए लाए जाते हैं।

घोड़े देखने पहुंचे लोग लौटे मायूस, पशु बाजार में पसरा सन्नाटा
मेले के पशु बाजार में इस बार रौनक काफी कम दिख रही है। घोड़े देखने पहुंचे राजकुमार, सिद्धार्थ सिंह, उमेश कुमार और रवि कुमार ने बताया कि बाजार में उम्मीद के मुताबिक घोड़े आए ही नहीं हैं। हाथी पूरी तरह नदारद हैं और गायों के लिए बने केंद्र भी खाली पड़े हैं। घोड़ों के नाम पर सिर्फ छोटे-छोटे तीन घोड़े ही नजर आए, जिससे लोग निराश दिखे।
आस्था से पर्यटन तक
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा-गंडक संगम स्थल सोनपुर में लगने वाला सोनपुर मेला एशिया के सबसे बड़े पशु मेलों में गिना जाता है और बिहार की सांस्कृतिक पहचान है। संगम के पास स्थित हरिहरनाथ मंदिर में स्नान व दर्शन के साथ आस्था का विशेष महत्व जुड़ा है, जिससे हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं।
कभी पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए मशहूर रहा यह मेला अब एक बड़े सांस्कृतिक और पर्यटन उत्सव का रूप ले चुका है। लोक नृत्य-गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, हस्तशिल्प स्टाल और पारंपरिक व्यंजन इसकी रौनक बढ़ाते हैं।

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