बेटे ने रुलाया फिर भी सता रही उसकी चिंता
जिस मां को बेटे ने रूलाया, उसी पुत्र के लिए वह रात भर रोती रहीं।
मुजफ्फरपुर। जिस मां को बेटे ने रूलाया, उसी पुत्र के लिए वह रात भर रोती रहीं। मामला माड़ीपुर इलाके में शुक्रवार की रात रिक्शा पर एक वृद्ध महिला को छोड़ने कर भागने का है। उसका बेटा तो उसे अकेला छोड़ कर भाग गया, लेकिन पुलिस ने उन्हें वृद्धा आश्रम में देर रात ही पहुंचा दिया था। फिर भी वह उसी पुत्र के लिए वह रात भर आंसू बहाती रही। किसी तरह उन्हें आश्रम की महिलाओं ने खाना खिलाया। सोने गई तो बार-बार बेटे का चेहरा आंखों के सामने आ रहा था। रात भर करवट बदलते रही। पूछताछ करने पर अपना नाम जहांआरा खान और एक बेटे का नाम इरफान बता रहीं हैं।
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शौहर का नाम तक याद नहीं : महिला देखने में अच्छे घर की लगती है। पूछने पर कहती हैं कि उनके शौहर ने दो शादी की है, लेकिन नाम याद नहीं। उन्हें तीन बेटे हैं। घर का पता पूछने पर कभी दरभंगा के लहेरियासराय तो कभी बेतिया के इंद्रा चौक बता रही थी।
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मंझला बेटा छोड़ गया : कह रही थी दरभंगा में उनके भाई का मकान है, और बेतिया में खुद का। बेतिया से ही मंझला बेटा लेकर आया था। लेकिन, पता नहीं कहां चला गया। फिर भी बेटों के बारे में एक भी गलत शब्द वह बर्दाश्त नहीं कर रही थी। तीनों बेटों को बहुत अच्छा और समझदार बताने लगी। यह भी चिंता थी कि वह कहां होगा और किस हाल में होगा।
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हाथ पर कैसे आया चोट का निशान ? वृद्ध महिला के दोनों हाथों पर चोट के काले निशान है। दर्द से कभी-कभी कराह भी रही थी। आश्रम में ही चिकित्सकों से उन्हें दिखाया जा रहा है। उसके बारे में पूछने पर सही जानकारी नहीं पा रही हैं। बार-बार आश्रम की महिलाओं से घर पहुंचा देने की जिद कर रही थी।