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पश्‍च‍िम चंपारण जिले के सभी प्लस टू विद्यालयों में लगेगा सोलर पावर प्लांट

West Champaran शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीईओ को दिया निर्देश जल जीवन हरियाली अभियान के तहत लगाया जाएगा सोलर पावर प्लांट। सुरक्षा के ल‍िए विद्यालयों में रौशनी होना आवश्यक है। छात्र छात्रों को भी म‍िलेगी सुव‍िधा।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 04:23 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 04:23 PM (IST)
पश्‍च‍िम चंपारण जिले के सभी प्लस टू विद्यालयों में लगेगा सोलर पावर प्लांट
जल जीवन हरियाली अभियान के तहत विद्यालयों लगेगा सोलर पावर प्‍लांट। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

बेतिया (पचं), जासं। जिले के प्लस टू विद्यालयों में सोलर पावर प्लांट लगेंगे। यह काम जल जीवन हरियाली अभियान के तहत होगा। राज्य सरकार ने पहले चरण में सभी उ'च माध्यमिक विद्यालयों में ब्रेडा द्वारा सोलर पैनल लगाए जाने का निर्णय लिया है। इसको शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर जल-जीवन- हरियाली अभियान से जिले के सभी हाई स्कूलों में सोलर पावर प्लांट लगाए जाने का आदेश दिया है। पत्र में कहा गया है कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत प्रथम चरण में सभी उ'च माध्यमिक विद्यालयों में ब्रेडा द्वारा ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पैनल का अधिष्ठापन किया जाना है।जिसमें स्वीकृत भार वृद्धि के लिए आवेदन, स्वीकृत भार वृद्धि के साथ-साथ स‍िंगल फेज को थ्री फेज कनेक्शन करना एवं तार उपलब्ध कराना इसके अलावा नेट मीटर‍िंग के लिए आवेदन एवं एकरारनामा और संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापकों का सहयोग मांगा गया है। इस कार्य के निष्पादन हेतु ब्रेडा के पदाधिकारियों के स्थल निरीक्षण में सहयोग एवं समन्वय प्रदान किया जाता है। विद्यालय में प्लांट अधिष्ठापन के लिए ब्रेडा द्वारा उपलब्ध कराए गए वांछित कागजात एकरारनामा पर हस्ताक्षर के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर से संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को प्राधिकृत करेंगे।इसके अलावा जिला स्तर के शिक्षा विभाग के एक पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नामित यह जाने का निर्देश दिया गया है।

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सोलर सिस्टम लगाने से बिजली की होगी बचत

प्लस टू स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों की सुविधा को देखते हुए विद्यालय में बिजली की आवश्यकता महसूस की जा रही है। छात्रों को गर्मी के दिनों में पढ़ाई करने में दिक्कत होती है। मौसम खराब होने पर विद्यालय के कमरों में अंधेरा रहता है। सुरक्षा की ²ष्टि से विद्यालय में रौशनी होना आवश्यक है। विद्यालय में राज्य व केन्द्र सरकार के प्रायोजित कार्यक्रम के अलावा विभागीय और सरकारी कार्यक्रम होते हैं, जिसमें बिजली की आवश्यकता होती है। बहुत विद्यालयों में बिजली उपलब्ध है और कुछ में अभी बिजली नहीं है। बिजली के बिल के भुगतान को लेकर भी विद्युत बोर्ड का दबाव रहता है। ऐसे में अगर प्लस टू स्कूलों में सोलर पावर प्लांट लगाए जाते हैं, छात्रों के साथ-साथ कार्यक्रम को कराने में भी सुविधा होगी।

साइंस व कंप्यूटर लैब संचालन में सुविधा

प्लस टू स्कूलों में साइंस व कंप्यूटर लैब हैं। विज्ञान व कंप्यूटर शिक्षा से जुड़े छात्रों को लैब में पढ़ाई करनी होती है। उनकी पढ़ाई को लेकर टेलीविजन आदि लगाए गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा कई मोबाइल एप बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से छात्रों की पढ़ाई, किताबों आदि की जानकारी दी जा रही है। ऐसे में विद्यालय में सोलर सिस्टम की बिजली होने से छात्रों को सस्ती दर में बिजली उपलब्ध हे जाएगी।


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