अनुदानित दर पर सोलर लैंप खरीदेंगे बच्चे, पढ़ाई में बाधा होगी दूर
जीविका की महिलाओं द्वारा निर्मित सोलर लैंप का वितरण आरंभ, भारत सरकार ने सत्तर लाख सौर ऊर्जा कार्यक्रम के तहत वैसे क्षेत्रों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बिजली न होने पर अब विद्यार्थियों को केरोसिन लैंप या दीपक का प्रयोग नही करना पड़ेगा। सरकार ने बच्चों को अनुदानित दर पर सौर ऊर्जा लैंप का वितरण शुरू करा दिया है। वाल्मीकिनगर में राजकीय बाल विद्या केंद्र मध्य विद्यालय के साथ-साथ अन्य स्कूलों में भी सौर ऊर्जा लैंप वितरण प्रक्रिया की आरंभ की गई है। जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक ब्रजेश कुमार ने बताया कि बच्चों से आधार कार्ड व सौ रुपये लेकर सौर ऊर्जा लैंप प्रदान किया जा रहा है।
भारत सरकार ने सत्तर लाख सौर ऊर्जा कार्यक्रम के तहत वैसे क्षेत्रों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जहां पर बिजली का कनेक्शन नही है या कनेक्शन होने के बावजूद कटौती होती है जिस कारण बच्चे केरोसिन लैंप या दीपक में पढ़ते है। केरोसिन लैंप या दीपक में पढऩे से आंख, फेफड़ों के नुकसान के साथ साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है और सौर ऊर्जा लैंप से उक्त नुकसानों से बचा जा सकेगा।
बच्चों को वितरित सौर ऊर्जा लैंप की लागत तो 600 से 700 के मध्य है। लेकिन सरकार अनुदान देते हुए लैंप को मात्र सौ रुपये में दे रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की जीविका ग्रुप की महिलाओं के द्वारा दुधौरा में छात्रों के बीच सौर ऊर्जा लैंप का वितरण शुरू कर दिया गया है। सत्याग्रह जीविका संकुल स्तरीय संघ की चयनित 40 जीविका को ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस सौर लैम्प निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया था। जिसके माध्यम से बगहा 2 प्रखंड में 40 हजार 200 लैंप का वितरण किया जाना है।
इस लैंप का बाजार मूल्य 800 है, लेकिन ऊर्जा मंत्रालय द्वारा बच्चों को मात्र 100 रुपये की दर पर बच्चों को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया की प्रखंड के कक्षा एक से बारहवीं तक के बच्चों को लैंप वितरण किया जायेगा। इसके लिए प्रखंड के सभी विद्यालय प्रभारी से सम्पर्क किया जा रहा है। बच्चे भी इस स्टडी लैंप को लेकर काफी उत्साहित हैं। मौके पर जीविका दीदी प्रियंका कुमारी, प्रधानाध्यापक वेद प्रकाश मिश्र, सुनीता कुमारी, उदय नारायण, अर्चना कुमारी, रवि कुमार सहित दर्जनों छात्र छात्रा मौजूद रहे।