बच्चों की देखरेख करनेवाले आश्रयगृहों की रोकड़ पंजी पर नजर, कई रिकॉर्ड तलब
राज्य बाल संरक्षण समिति ने रिकॉर्ड किया तलब, रोकड़ पंजी की जांच के दौरान भुगतान की प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी सामने आ सकेगी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बच्चों की देखरेख करने वाले संस्थानों की रोकड़ पंजी पर समाज कल्याण विभाग की टेढ़ी नजर है। इनके लेन-देन का आंकड़ा खंगाला जा रहा है। विभागीय स्तर पर यह देखा जा रहा है कि भुगतान में नियमों का पालन किया गया या नहीं। उचित माध्यम से भुगतान हुआ या नहीं इसकी पड़ताल गंभीरता के साथ की जा रही है। बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशकों से इस संबंध में महत्वपूर्ण कागजात पटना में तलब किए हैं।
राज्य बाल संरक्षण इकाई 15 फरवरी तक रोकड़ पंजी की जांच करेगी। रोकड़ पंजी की जांच के दौरान भुगतान की प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी सामने आ सकेगी। अगर इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है तो इसके जवाबदेह लोगों पर कार्रवाई की गाज गिरनी तय है। भुगतान की प्रक्रिया पर नजर रखने के कारण आश्रयगृह के अधिकारियों व कर्मियों में हड़कंप देखा जा रहा है।
मांगे गए ये कागजात
विभागीय स्तर पर कई कागजात मांगे गए है। इसमें अनुबंध से संबंधित कागजात के अलावा चेक निर्गत पंजी, भंडार पंजी, रोकड़ पंजी, बैक स्टेटमेंट, वाउचर व लेजर बुक शामिल है।
कर्मियों की भी खंगाली जा रही है कुंडली
समाज कल्याण विभाग कर्मियों की भी कुंडली खंगाल रहा है। जिला बाल संरक्षण इकाई, किशोर न्याय परिषद एवं विभिन्न आश्रयगृहों में पूर्व से कार्यरत व नवपदस्थापित कर्मियों का ब्योरा मांगा गया है। नियमित कर्मियों एवं अनुबंध व आउट सोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत कर्मियों का ब्योरा मांगा गया है। समाज कल्याण विभाग की सहायक निदेशक ने प्रारूप में जानकारी मांगी है।