सैकड़ों अयोग्य लोग बन गए आवास योजना के लाभुक
अबतक की जांच में 1236 मामले सामने आए, इतने नए की बनेगी सूची। जिले में तीन हजार से अधिक ऐसे मामले होने की जताई जा रही आशंका।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले की प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों की सूची में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। अब तक ऐसे 1236 मामले पकड़े गए हैं। इसमें योजना के लिए ऐसे लोगों का चयन कर लिया गया था जो इसके योग्य ही नहीं। जांच अभी जारी है। आशंका जताई जा रही कि ऐसे पांच हजार से अधिक मामले सामने आएंगे।
कई बार योजना का लाभ
सूची में ऐसे लोगों के नाम शामिल कर दिए गए जिनके परिजन को पूर्व में इंदिरा आवास योजना का लाभ मिल चुका था। इसके अलावा कई नौकरीपेशा लोगों को भी सूची में शामिल कर लिया गया। कई ऐसे लोग लाभुक बना दिए गए जिन्हें पूर्व से पक्का मकान है।
भौतिक सत्यापन के बाद निरस्त हो रही सूची
विभाग को सूची भेजे जाने के बाद इसका सत्यापन कराया गया। इसमें इस तरह के मामले सामने आए। क्योंकि आवास योजना के लिए लाभुकों की सूची सामाजिक, आर्थिक व जाति जनगणना (एईसीसी) के डाटा के आधार पर तैयार कर दिया गया था। एसईसीसी में गड़बड़ी के कारण ही लाभुकों की सूची में अयोग्य लोगों के नाम शामिल हो गए।
प्राथमिकी के बाद दब जाती फाइल
सरकारी योजनाओं में प्राथमिकी के बाद अधिकतर फाइलें दब जाती हैं। दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने से योजनाओं में गड़बड़ी बंद नहीं होती। औराई के घनश्यामपुर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद पूर्व व वर्तमान ग्रामीण आवास सहायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने में ही कई दिन लगा दिए गए। अब प्राथमिकी दर्ज हो जाने के बाद थाना स्तर से कार्रवाई में देरी हुई तो मामला फिर ठंडे बस्ते में चला जाएगा। क्योंकि जिले में करोड़ों रुपये दबाए बैठे पंचायत सचिव के मामले में कुछ ऐसा ही हुआ। वे वर्षों सरकारी राशि दबाए रहे। बाद में जैसे-तैसे वाउचर जमा कर दिया। अब भी कई पंचायत सचिव पर करोड़ों रुपये बकाया है। मगर, प्राथमिकी के बाद भी वे गिरफ्त से बाहर हैं।
डीडीसी उज्ज्वल कुमार सिंह ने कहा कि 'एसईसीसी में गड़बड़ी के कारण लाभुकों की सूची में अयोग्य लोगों के नाम शामिल हो गए। तीन हजार से अधिक ऐसे नाम आने की आशंका है। इन सभी सूची के बदले नए लाभुकों के नाम शामिल किए जाएंगे।'