अब तक दूरमितिक जांच केंद्र व वर्षा मापी यंत्र के लिए नहीं मिली भूमि
राज्य सरकार की पायलट प्रोजेक्ट मेघदूत योजना अधर में दिख रही है। प्रशिक्षण के साथ निर्धारित समय के साढ़े तीन माह बाद भी योजना के क्रियान्वयन को ठोस काम होता नहीं दिख रहा है।
मुजफ्फरपुर। राज्य सरकार की पायलट प्रोजेक्ट मेघदूत योजना अधर में दिख रही है। प्रशिक्षण के साथ निर्धारित समय के साढ़े तीन माह बाद भी योजना के क्रियान्वयन को ठोस काम होता नहीं दिख रहा है। इस योजना के तहत जिले के 405 पंचायतों में दूरमितिक मौसम केंद्र एवं 27 प्रखंडों में वर्षा मापी यंत्र लगाए जाने हैं। जिसके लिए विभाग ने 10 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यंत्रों के संबंध में कृषिकर्मियों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने को बीते 19 जनवरी को जिला कृषि कार्यालय में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था, जिसमें प्रदेश से आए निदेशक भूमि संरक्षक गुलाब यादव ने कर्मियों को इसकी ¨बदुवार जानकारी दी। इस दौरान जिले के सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को योजना के क्रियान्वयन को 30 दिनों के अंदर भूमि का चयन कर जिला कृषि कार्यालय को सूचित करने की बात कही। हालांकि साढ़े तीन माह बीत जाने के बाद भी सभी प्रखंडों से स्थल चयन की रिपोर्ट जिला कृषि कार्यालय नहीं मिली है।
विभाग के प्रधान सचिव ने बताया गंभीर
प्रशिक्षण के साढ़े तीन माह बीत जाने के बाद भी पंचायत व प्रखंड स्तर पर स्थल का चयन संबंधित कर्मियों द्वारा नहीं किए जाने को ले विभाग के प्रधान सचिव ने मामले को गंभीर बताया है। इसको ले भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक गुलाब यादव ने जिला कृषि कार्यालय को दिनांक 7 मार्च को पत्रांक 131 जारी कर हर हाल में 15 दिनों के अंदर स्थल चयन का निर्देश दिया है। बावजूद इसके 24 मई तक जिले के कुछ प्रखंडों को छोड़ शेष प्रखंड द्वारा विभाग को स्थल चयन रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।
आंकड़े से किसानों को मिलने वाला था लाभ
दूरमितिक मौसम केंद्र एवं वर्षा मापी यंत्र से ससमय आंकड़ा संग्रह कर वास्तविक विश्लेषण कर होने वाले जलवायु परिवर्तन से फसलों को बचाया जा सकता है। बुआई से कटनी तक किसानों के लिए योजनाबद्ध कृषि क्रियाकलापों का निर्धारण किया जा सकता है। पंचायत में लगने वाले दूरमितिक मौसम केंद्र से पांच किलोमीटर के ग्रिड क्षेत्र के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक मौसम के पूर्वानुमान के लिए बेहतर प्रणाली है। इस यंत्र के माध्यम से ससमय सुखाड़ का अनुश्रवण किया जा सकता है।
प्रखंड मुख्यालय में होगा वेदर स्टेशन प्रखंड मुख्यालय में लगने वाले वेदर स्टेशन से डाटा स्वत: पटना पहुंचेगा। यहां से सैक अहमदाबाद सेंटर को भेजी जाएगी, जो प्राप्त डाटा का एनालिसिस कर एडभाईजरी जारी करेंगी। जिसे प्रखंड में एसएमएस के माध्यम से किसानों व विभाग के अधिकारियों को भेजा जाएगा। इसके तहत वर्षा के लिए प्रत्येक 12 घंटे पर अगले 72 घंटे के लिए सूचना जारी की जा सकेगी। वहीं खास तौर पर भारी वर्षा, ओलावृष्टि एवं ठनका की जानकारी 6 घंटा पूर्व दी जाएगी। पूर्वी चंपारण, जिला कृषि पदाधिकारी ,डॉ. ओंकारनाथ ¨सह ने बताया कि जिले के लगभग अधिकांश प्रखंडों द्वारा रिपोर्ट दी जा चुकी है, जो बचे हैं उन्हें अविलंब रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। विभाग के वरीय पदाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसके आलोक में सभी बीएओ, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकारों को अविलंब स्थल चयन कर रिपोर्ट देने का निर्देश जारी कर दिया गया है। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।