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एक पूर्व कुलपति ऐसे जो अब बन गए संपेरा, छेड़ी स्नेक बाइट फ्री इंडिया मुहिम

कराते सांपों की अनोखी दुनिया का सैर, देशभर में फैला रहे जागरूकता, अजमेर यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे प्रो. केके शर्मा ने वर्कशॉप में दी जानकारी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 02:22 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 02:22 PM (IST)
एक पूर्व कुलपति ऐसे जो अब बन गए संपेरा, छेड़ी स्नेक बाइट फ्री इंडिया मुहिम
एक पूर्व कुलपति ऐसे जो अब बन गए संपेरा, छेड़ी स्नेक बाइट फ्री इंडिया मुहिम
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पहले निभाते थे कुलपति की जिम्मेदारी, अब बन गये सपेरा। जी हां हम बात कर रहे है राजस्थान के अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी में कुलपति रहे प्रो. केके शर्मा का। प्रो. केके शर्मा एक ऐसा नाम, जो कभी राजस्थान के एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर में कुलपति हुआ करते थे अब स्नेक बाइट फ्री इंडिया मुहिम से जुड़कर संपेरा कहला रहे हैं। उन्होंने कहा-लोग मानते हैं कि सांप इंसान को देखते ही काट लेते हैं, लेकिन सच बात यह है कि सांप भी हमसे उतना ही डरते हैं जितना हम उनसे डरते हैं।
    सांप सिर्फ अपनी आत्मरक्षा के लिए ही वार करते हैं। हम एहतियातन उपाय कर लें तो उनके वार से बच सकते हैं। लंगट सिंह कॉलेज के बीबीए विभाग में कार्यशाला में डेमो के जरिए सांपों की रहस्यमयी दुनिया की सैर कराई। इसी कॉलेज के वे छात्र भी रह चुके हैं। मौके पर प्राचार्य प्रो. ओपी राय समेत बड़ी संख्या में शिक्षक व छात्र-छात्राएं भी मौजूद थे।
सांप सिर्फ अभिशाप नहीं जीवनदायिनी भी
सांप हमारे लिए सिर्फ अभिशाप नहीं, बल्कि जीवनदायिनी भी है। सांप के जहर यानी वेनम से रक्तस्त्राव रोका जा सकता है। उसके जहर से ही खून बर्फ के समान जम जाता है और आदमी की मृत्यु हो जाती है। इस सिद्धांत से दुर्घटना में जख्मी व्यक्ति हो या गर्भवती महिलाओं के अत्यधिक रक्तस्त्राव से होने वाली मौत की घटना से बचा जा सकता है। सांप के जहर से 32 प्रकार के प्रोटीन निकाल कर रक्तस्राव को रोकने में इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
सांपों से जुड़ी भ्रांतियां भी की दूर
सांपों के बारे में जागरूक करते हुए उनसे जुड़े भ्रम भी दूर करने का प्रयास किया। कैसे पहचानें कि सांप ने काटा है, काटने पर इमरजेंसी में क्या करें, क्या सांप वाकई दूध पीता है यह सवाल पूछे गए। कहा, जहां सांप ने काटा है वहां दो अगल-बगल निशान मिलेंगे। आसपास लालिमा के साथ सूजन दिखती है। प्रभावित हिस्से में दर्द महसूस होने के अलावा सांस लेने में तकलीफ होती है। धुंधला दिखता है और पसीना अधिक निकलता है। मुंह से झाग भी आ जाता है। टाइगर स्नेक, वाइपर, रैट्ल स्नेक, कोबरा, करैत, स्नेक रैट्ल जैसे सांपों के किस्म और उनकी आवाज सुनकर पहचानने का तरीका भी बताया।
सांप काट ले तो क्या करें, कब नहीं मरता आदमी
जिस हिस्से में काटा है उसे खुला छोड़ें। मरीज को ज्यादा हिलने-डुलने न दें। इससे जहर जल्दी और आसानी से शरीर में फैलता है। सांप के जहर से कब मौत नहीं होती, इसके बारे में कहा कि वेनम और पॉइजन में काफी फर्क होता है। पॉइजन को पीने पर मौत होने का खतरा रहता है, लेकिन सांप का जहर यानी वेनम पीने पर मौत नहीं होती।  

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