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अमानक खून के धंधे में शामिल सिन्हा बल्ड बैंक पर लटकी लाइसेंस रद होने की तलवार, इसलिए आई ऐसी नौबत

शहर में संक्रमित खून बेचने का आरोपित अभी भी पुलिस पहुंच से बाहर। राज्य औषधि नियंत्रक रवींद्र कुमार सिन्हा ने सिन्हा ब्लड बैंंक के संचालक व व्यवस्थापक से छह बिंदुओं पर जवाब तलब किया है। जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 02:59 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 02:59 PM (IST)
अमानक खून के धंधे में शामिल सिन्हा बल्ड बैंक पर लटकी लाइसेंस रद होने की तलवार, इसलिए आई ऐसी नौबत
अवैध रूप से खून का कारोबार करने की बात जांच मेंं साबित।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अमानक खून का कारोबार करने में शामिल शहर के इमलीचट्टी स्थित सिन्हा ब्लड बैंक पर लाइेंस रद होने की तलवार लटक रही है। सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह व ड्रग इंसपेक्टर डॉ. विकास शिरोमणि की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए राज्य औषधि नियंत्रक कार्यालय हरकत में आया है। अगस्त महीने में इस अवैध करोबार का खुलासा हुआ था। राज्य औषधि नियंत्रक रवींद्र कुमार सिन्हा ने सिन्हा ब्लड बैंंक के संचालक व व्यवस्थापक से छह बिंदुओं पर जवाब तलब किया है। जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर शिरोमणि ने सिन्हा ब्लड बैंक के संचालक डॉ. नवीन कुमार सिन्हा पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। हालांकि संचालक अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है।

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औषधि नियंत्रक ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि सीएस के निर्देश पर गठित जांच दल ने 24 अगस्त को मालीघाट में संचालित अवैध ब्लड सेंटर में उपस्थित सूरज कुमार को पकड़ा। उसने बताया कि वह सिन्हा ब्लड बैंक, इमलीचट्टी का स्टाफ है और इस स्थल पर रक्त संग्रह का काम सिन्हा ब्लड बैंक के प्रोपराइटर डॉ. नवीन कुमार सिन्हा के कहने पर किया जाता है। उसने यह भी बताया कि इमलीचट्टी सेंटर से भेजे गए व्यक्तियों का रक्त संग्रह यहां किया जाता है। खून रखने के लिए ब्लड बैग भी सिन्हा ब्लड बैंक के द्वारा यहां उपलब्ध कराया गया है। औषधि निरीक्षक विकास शिरोमणि ने जब 25 अगस्त को ब्लड बैंक पहुंचकर जांच की तो वहां के व्यवस्थापक रंजीत कुमार ने स्वीकार किया कि चूनाभ_ी रोड में जो ब्लड बैग पाया गया है उसकी आपूर्ति सिन्हा ब्लड बैंक द्वारा ही की गई है ।

सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने कहा कि अवैध रूप से खून का कारोबार करने की बात जांच मेंं साबित है। कागजी प्रक्रिया चल रही है। औषधि नियंत्रक की ओर से जो अंतिम निर्णय होगा उसका पालन किया जाएगा। अमानक खून लेने से एचआइवी, हेपेटाइटिस सहित अन्य घातक बीमारियों का खतरा रहता है। 


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