बाबा गरीबनाथ की धरती पर होगा महारास
बहुत जल्द बाबा गरीबनाथ की इस धरती पर भगवान श्रीकृष्ण का महारास होगा।
मुजफ्फरपुर। बहुत जल्द बाबा गरीबनाथ की इस धरती पर भगवान श्रीकृष्ण का महारास होगा। इसके लिए सिकंदरपुर गोशाला का चयन किया गया है। गुरुवार को सिकंदरपुर स्थित श्री राणी सती मंदिर 'दादी धाम' में समाज के प्रबुद्धजनों की बैठक में आयोजन को लेकर गहन विमर्श किया गया। कार्यक्रम संयोजक दीपक पोद्दार व अंबिका ढंढारिया ने बताया कि 25 नवंबर से दो दिसंबर तक गोशाला परिसर में श्रीकृष्ण रासलीला होगी। इसके लिए राष्ट्रपति से सम्मानित वृंदावन की श्री निकुंज बिहारी रासलीला मंडली को बुलाया जा रहा। साथ ही एक आयोजन समिति का भी गठन किया गया है। इसके अध्यक्ष पुरुषोत्तम लाल पोद्दार, उपाध्यक्ष रामगोपाल जालान व मनोहर केजड़ीवाल, महामंत्री विवेक अग्रवाल व प्रकाश अग्रवाल और मीडिया प्रभारी प्रिंसु मोदी बनाए गए हैं। संरक्षक मंडल में श्याम सुन्दर भीमसेरिया, कैलाशनाथ ढंढारिया, रतन तुलस्यान व अशोक नेमानी रखे गए हैं। बैठक में मनोज सर्राफ, श्रवण सर्राफ, अरुण पोद्दार, रमेश झुनझुनवाला, संजय जगनानी, संजय पोद्दार आदि भी थे। अनंत चतुर्दशी व्रत 23 को
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी कहा गया है। यह 23 सितंबर को है। मान्यता है कि इस दिन कच्चे धागों से बने 14 गांठों वाले धागे को बाजू में बाधने से भगवान विष्णु की कृपा होती है। बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पं.विनय पाठक बताते हैं कि अनंत सूत्र धारण करने वाले को इसे कम से कम 14 दिन धारण करके रखना चाहिए और इस बीच मांसाहार से परहेज रखना चाहिए। वैसे नियम यह है कि इसे पूरे साल बांधकर रखें तो उत्तम फल मिलता है। रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पं.रमेश मिश्र बताते हैं कि अनंत का सूत्र बड़ा ही चमत्कारी है। एक बार कौंडिल्य ऋषि ने पत्नी की बाजू में इसे बंधा देखकर इसे जादू-टोने का धागा मान लिया और उसे जला दिया। उसके बाद ऋषि को दु:खों का सामना करना पड़ा। भूल का अहसास होने पर उन्होंने खुद 14 वर्षो तक अनंत व्रत किया। इससे प्रसन्न होकर अनंत भगवान ने उन्हें फिर से धन वैभव प्रदान किया।