कोरोना से बाघ को बचाने के लिए VTR में भी सख्ती, बीमार जानवरों को किया जाएगा आइसोलेट
कोरोना से जानवरों को बचाने के लिए संयुक्त निदेशक वाइल्ड लाइफ का निर्देश लोगों के प्रवेश पर रोक। बीमारी को ले संदिग्ध जानवर का ब्लड सैंपल लिया जाएगा।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। लॉकडाउन के चलते सैलानियों के लिए वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) वैसे ही बंद है, इसके बाद भी वन अधिकारी ने आसपास के ग्रामीणों व मवेशी चराने वालों के प्रवेश पर नजर रखने का निर्देश दिया है। वन क्षेत्र की आबादी को भी जंगल में जाने से रोका जा रहा। यानी जंगल में भी लॉकडाउन पूरी तरह से लागू किया जा रहा। संयुक्त निदेशक वाइल्ड लाइफ, नई दिल्ली डॉ. आर गोपीनाथ ने सभी राज्यों के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को इस संबंध में पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि जंगल में मानव के प्रवेश पर तत्काल रोक लगाई जाए। जानवरों खासकर बाघ को कोरोना से बचाने के लिए यह जरूरी है।
संयुक्त निदेशक ने निर्देश दिया है कि पशु चिकित्सक के नेतृत्व में प्रशिक्षित वनकर्मियों की टीम तैयार कर जानवरों पर नजर रखी जाए। यदि कोई जानवर बीमारी को लेकर संदिग्ध दिखे तो उसका ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा जाए। रिपोर्ट आने तक जानवर को आइसोलेट किया जाए। पूर्णतया स्वस्थ होने के बाद ही जंगल में छोड़ा जाए।
सीमावर्ती गांवों में कराई जा रही मुनादी
वीटीआर में आदेश पहुंचने के बाद निगरानी और सख्त हो गई है। जंगल के आसपास बसे गांवों के लोग अब किसी भी सूरत में जंगल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इसे लेकर सीमावर्ती गांवों में मुनादी भी कराई जा रही है। सभी अधिकारी व वनकर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है।
वनकर्मियों के जंगल से निकलने पर लग चुकी है पाबंदी
वीटीआर में पूर्व से ही इस दिशा में कड़े कदम उठाए गए हैं। वनकर्मियों को वन क्षेत्र से बाहर निकलने पर पूर्णतया पाबंदी लगा दी गई है। सभी वनकर्मी शिकार निरोधी दस्ते के लिए बने विश्रामालय में ठहरे हुए हैं। उनके भोजन की व्यवस्था विभाग कर रहा। वन क्षेत्र में जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेङ्क्षडग कर आवाजाही रोक दी गई है। वन प्रमंडल एक तथा दो के डीएफओ प्रतिदिन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं।
वीटीआर के मुख्य वन संरक्षक, हेमकांत राय का कहना है कि जानवरों की सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित की गई है। यदि कोई जंगल के भीतर अनधिकृत रूप से पाया गया तो प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।