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स्वयंभू हैं शिव शंभू

भगवान शिव के जन्म की कहानी हर कोई जानना चाहता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को स्वयंभू माना गया है।

By Edited By: Published: Tue, 09 Aug 2016 02:17 AM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2016 02:17 AM (IST)
स्वयंभू हैं शिव शंभू

मुजफ्फरपुर। भगवान शिव के जन्म की कहानी हर कोई जानना चाहता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को स्वयंभू माना गया है। श्रीमद्भागवत के अनुसार, एक बार जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा अहंकार से अभिभूत हो स्वयं को श्रेष्ठ बताते हुए लड़ रहे थे, तब एक जलते हुए खंभे से, जिसका कोई ओर-छोर ब्रह्मा या विष्णु समझ नहीं पाए, शिव जी प्रकट हुए।

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मां महामाया स्थान संतोषी माता मंदिर के प्रधान पुजारी पं.दशरथ झा कहते हैं कि विष्णु पुराण में भगवान शिव के बाल रूप का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार ब्रह्मा को एक बच्चे की जरूरत थी। उन्होंने इसके लिए तपस्या की। तब अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रह्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि उसका नाम 'ब्रह्मा' नहीं है, इसलिए वह रो रहा है। तब ब्रह्मा ने शिव का नाम 'रुद्र' रखा, जिसका अर्थ होता है 'रोने वाला'। शिव तब भी चुप नहीं हुए। इसलिए ब्रह्मा ने उन्हें दूसरा नाम दिया, पर शिव को नाम पसंद नहीं आया और वे फिर भी चुप नहीं हुए। इस तरह शिव को चुप कराने के लिए ब्रह्मा जी ने आठ नाम दिए और शिव 8 नामों (रुद्र, शव, भाव, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव) से जाने गए। शिव पुराण के अनुसार ये नाम पृथ्वी पर लिखे गए थे।


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