बोले शरद यादव- नेपाल से बातचीत के बगैर प्रदेश में बाढ़ की समस्या का समाधान संभव नहीं Sitamarhi News
कहा नेपाल से वार्ता करे सरकार। बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान ढूंढ़ना जरूरी। हर साल बाढ़ से तबाह होते गरीब और किसान।
सीतामढ़ी, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा कि उत्तर बिहार में प्रति वर्ष बाढ़ से तबाही होती है। हर साल खेत- खलिहान और फसलें बर्बाद होती हैं। सबसे अधिक नुकसान गरीब और किसान झेलते हैं। इन्हें क्षति का उचित मुआवजा मिलना चाहिए। बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटने रविवार को सीतामढ़ी पहुंचे शरद ने रून्नीसैदपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रति वर्ष की विनाशकारी बाढ़ का स्थाई निदान होना चाहिए। नेपाल से बातचीत के बगैर इस समस्या का निदान संभव नहीं है। केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है। इन्हें नेपाल से बातचीत करनी चाहिए। आज नहीं तो कब होगा? कहा कि बाजपेयी जी के समय में नदियों को जोड़ने की बात की गई थी। प्रस्ताव अधर में लटक गया। नदियों को आपस में जोड़ने का सर्वाधिक लाभ बिहार को ही मिलेगा। पीएम मोदी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। वे असली बात पर आएं तो बिहार का कल्याण हो सकता है। जलप्रबंधन के जरिए ही बाढ़ का स्थाई समाधान हो सकता है। उन्होंने इस दिशा में एक आंदोलन की आवश्यकता जताई। कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि लौटने पर सरकार से बातचीत कर आग्रह करेंगे कि इस
संकट की घड़ी में क्या-क्या संभव है। बताते चलें कि शरद यादव बाढ़ पीड़ितों का हाल लेने और स्थितियों का जायजा लेने सीतामढ़ी पहुंचे हैं।
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