कम्युनिटी हॉल से मिली थीं बीयर की सात बोतलें
छात्र नेता मो. शमीम हत्याकांड में प्रथम आइओ रहे तत्कालीन विवि थानाध्यक्ष रामबाबू राम की एडीजे-9 के कोर्ट में अधूरी गवाही हुई।
मुजफ्फरपुर। छात्र नेता मो. शमीम हत्याकांड में प्रथम आइओ रहे तत्कालीन विवि थानाध्यक्ष रामबाबू राम की एडीजे-9 के कोर्ट में अधूरी गवाही हुई। मंगलवार को फिर उनकी गवाही होगी। रामबाबू ने कोर्ट में कहा कि शमीम के पिता के आवेदन पर घटना की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। घटनास्थल पर जाकर पोस्टमार्टम के लिए शव का पंचनामा बनाया। इसके बाद आरोपितों के घरों में छापेमारी की। गवाह उत्तम पांडेय, नीरज शर्मा व अन्य का बयान भी दर्ज किया। घटनास्थल के पास स्थित विवि कम्युनिटी हॉल में छापेमारी की। जहां से बीयर की सात भरी व शराब की एक खाली बोतल के अलावा दो बाइक जब्त की गई।
कोर्ट की अनुमति से हुई गवाही : रामबाबू राम के बाद मामले के दूसरे आइओ विवि थाने के ही तत्कालीन थानाध्यक्ष रामबालक यादव ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। लेकिन, गवाह के रूप में रामबालक राम व धीरज कुमार का नाम दर्ज नहीं किया। सत्र-विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक पीके शाही ने दोनों की गवाही की अनुमति के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनुमति दे दी। कोर्ट ने इन दोनों को गवाही के लिए समन भी जारी किया था।
पांच साल पहले हुई थी घटना : एक अगस्त 2013 की शाम विवि परिसर में छात्र नेता मो. शमीम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पिता अब्दुल रहीम खान ने विवि थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। मामले में अनिल ओझा व रामकुमार समेत तीन अज्ञात को आरोपित किया गया। जांच के बाद पुलिस ने अनिल ओझा, रामकुमार, रौशन कुमार, शिवेंदु पराशर, संजय पासवान, बबनदेव उर्फ अभिषेक कुमार व शंभू पासवान के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था।