घर में ही धरना पर बैठे बिहार विश्वविद्यालय के सिनेटर, जानिए क्या है इनकी मांग Muzaffarpur News
कई कॉलेज के प्राचार्य एमएलसी और शिक्षक निर्वाचन के उम्मीदवार ने सरकार से की शिकायत। आठ वर्षों से सरकार नहीं दे रही ध्यान अनुदान नहीं मिलने पर घर में ही धरना पर बैठे सिनेटर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वित्त रहित कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को पिछले आठ वर्षों से अनुदान की राशि आवंटित नहीं की गई है। इस कारण विवि से संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक व कर्मी भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सिनेटर डॉ.मनोज कुमार सिंह घर में ही बच्चों के साथ कार्डबोड पर अपनी मांगों को लिखकर मंगलवार से धरना पर बैठ गए हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि तक वे घर में ही धरना देंगे। डॉ.मनोज ने कहा कि कोरोना जैसी विषम परिस्थिति में भी सरकार शिक्षकों की समस्या पर सोचने को तैयार नहीं है। जबकि, सूबे में लगभग 60 फीसद से अधिक बच्चे इन्हीं वित्त रहित कॉलेजों से पास होते हैं। गुणवत्तापरक शिक्षा देने में भी ये शिक्षक हमेशा आगे रहते हैं और इस विषम परिस्थिति में भी ऑनलाइन शिक्षा दे रहे। इसके बाद भी सरकार की दोषपूर्ण नीति के कारण शिक्षकों को कोपभाजन का शिकार बनना पड़ रहा है।
इधर, वित्त रहित कॉलेजों के शिक्षकों के अनुदान की राशि को लेकर एलएस कॉलेज प्राचार्य डॉ.ओपी राय, आरबीबीएम कॉलेज प्राचार्य डॉ.ममता रानी, निवर्तमान एमएलसी डॉ.संजय कुमार, शिक्षक निर्वाचन के उम्मीदवार प्रो.नरेंद्र कुमार सिंह समेत अन्य शिक्षक और शिक्षक नेता भी सरकार से यह मांग कर चुके हैं।