Muzaffarpur court news: मधु व कृष्णा के विरुद्ध नहीं पहुंचा दूसरा गवाह, आर्म्स एक्ट में छह दोषियों को तीन-तीन साल कारावास
Muzaffarpur Shelter Home अब 17 अगस्त को होगी अगली सुनवाई। ब्रजेश ठाकुर जो कि बालिका गृह मामले में दोषी है उसके एनजीओ के माध्यम से संचालित कल्याणी चौक स्थित स्वाधार गृह से 11 महिलाएं व चार बच्चे गायब मिले थे।
मुजफ्फरपुर, जासं। स्वाधार गृह मामले में आरोपित साइस्ता परवीन उर्फ मधु व कृष्ण कुमार उर्फ कृष्णा के विरुद्ध अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष कोर्ट के समक्ष सोमवार को दूसरा गवाह पेश नहीं किया गया। तीन माह पहले इस मामले में एक गवाह को विशेष कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। हालांकि वह पक्षरोधी हो गया। इस मामले में पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आठ लोगों को गवाह बनाया है। इन दोनों आरोपितों के विरुद्ध विशेष कोर्ट में सत्र-विचारण चल रहा है। वहीं आरोपित ब्रजेश ठाकुर के विरुद्ध आराेप तय किए जाने के मामले में सुनवाई चल रही है। विशेष कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि तय की है।
ढूढ़े नहीं मिल रहे गवाह
स्वाधार गृह मामले में जांच के बाद महिला थाना की ओर से मधु व कृष्णा के विरुद्ध विशेष कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में दर्ज गवाह पुलिस को ढूढ़े नहीं मिल रहा। जांच अधिकारी ने चार्जशीट में गवाहाें का नाम तो दर्ज किया, लेकिन उनका पता व मोबाइल नंबर दर्ज नहीं किया। इससे उन्हें ढूढ़ने में परेशानी हो रही है।
यह है मामला
बालिका गृह मामले में दोषी ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ के माध्यम से संचालित कल्याणी चौक स्थित स्वाधार गृह से 11 महिलाएं व चार बच्चे गायब मिले थे। इसका राज तब खुला जब वर्ष 2018 में बालिका गृह की लड़कियों के साथ यौन हिंसा का मामला सामने आया। बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने अज्ञात के विरुद्ध महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस की जांच में ब्रजेश व मधु सहित अन्य की संलिप्तता सामने आई थी।
आर्म्स एक्ट के 17 वर्ष पुराने मामले में छह दोषियों को तीन-तीन साल कारावास
मुजफ्फरपुर। पारू थाना क्षेत्र के चिंतामनपुर में 19 साल पहले अवैध रायफल व कारतूस के साथ गिरफ्तार छह दोषियों को तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी को तीन-तीन हजार रुपया जुर्माना भी देना होगा। सजा पाने वालों में पारू थाना के चिंतामनपुर के अजय राय, कुबौली के धर्मेंद्र राय, बद्री राय, शशिभूषण राय, पूर्वी चंपारण जिला के मेहसी शंकर चौक निवासी बृजबिहारी चाैधरी व सारण के मकेर थाना के माली टोला निवासी नीरज कुमार शामिल है। मामले के विचारण के बाद अपर न्यायिक दंडाधिकारी शिव कुमार ने सभी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी सिकंदर कुमार ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किया।
अपराध की साजिश रच रहे थे सभी
सहायक अभियोजन पदाधिकारी ने बताया कि 13 मई 2003 की रात सभी पारू के चिंतामनपुर सामुदायिक भवन में अपराध की साजिश रच रहे थे। गुप्त सूचना के आधार पर पारू थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष एकरार अहमद ने छापेमारी की। इस छापेमारी में अवैध रायफल व कारतूस के साथ सभी को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच के बाद सभी के विरुद्ध पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।