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प्रशिक्षण हासिल किए बिना पढ़ानेवालों की तलाश तेज, जानिए पकड़े जाने पर क्या होगी कार्रवाई

मार्च 2019 के बाद अप्रशिक्षित शिक्षकों का सर्वे शुरू होगी कार्रवाई। 2008 से 2017 के बीच बहाल शिक्षकों को हटाने की कवायद।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 11:38 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 11:38 AM (IST)
प्रशिक्षण हासिल किए बिना पढ़ानेवालों की तलाश तेज, जानिए पकड़े जाने पर क्या होगी कार्रवाई
प्रशिक्षण हासिल किए बिना पढ़ानेवालों की तलाश तेज, जानिए पकड़े जाने पर क्या होगी कार्रवाई

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के सरकारी स्कूलों में नौकरी करते हुए प्रशिक्षित नहीं होनेवाले शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। शिक्षा विभाग वैसे शिक्षकों को चिह्नित करने में जुट गया है। जिनके पास प्रशिक्षण की डिग्री नहीं होगी उनकी घर वापसी होगी। विभाग की ओर से सर्वे शुरू होने के बाद अप्रशिक्षित शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। जानकारों की मानें तो जो प्रारंभिक जानकारी सामने आ रही है उसके हिसाब से करीब तीन से चार हजार के बीच शिक्षक हैं, जिनको डिग्री का फेरा लग सकता है।

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अलग-अलग तरीके से नियुक्ति

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2008 से 2017 के बीच अलग-अलग तरीके से शिक्षकों का नियोजन विद्यालयों में हुआ है। इसमें कुछ मेधा सूची, कुछ टीईटी तो कुछ शिक्षक अनुकंपा के आधार पर बहाल हुए हैं। सबको 31 मार्च 2019 तक प्रशिक्षण प्राप्त कर लेना था, लेकिन जिसने भी तय समयसीमा में डिग्री नहीं ली उनको नौकरी से अब हटाया जाएगा।

ऐसे फंसा पेच

2014 से 2018 के बीच अप्रशिक्षत शिक्षकों ने एनआइओएस में तो कुछ ने बिहार विश्वविद्यालय परिसर में चलने वाले दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से बीएड के लिए नामांकन कराए। एनआइओएस की ओर से 2018 में करीब 40 हजार लोगों ने नामांकन कराए और परीक्षा में शामिल हुए। लेकिन, परीक्षा परिणाम मार्च 2019 तक नहीं आ पाया। रिजल्ट मई मेंं आया है। जानकारों के अनुसार करीब तीन से चार हजार शिक्षक जो सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं उन पर खतरा मंडरा रहा है। इसी तरह से दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की ओर से 2014-16, 2015-17 व 2016-18 बैच में बीएड के लिए नामांकन कराया गया। उसमें से 2014-16 बैच के दोनों वर्ष की परीक्षा भी छात्र दे चुके हैं। 2015-17 बैच के पहले वर्ष की परीक्षा भी हुई। लेकिन, बाकी सत्र की परीक्षा नहीं हुई। इस सत्र की भी परीक्षा व उसके परिणाम शिक्षा विभाग की ओर से तय गाइड लाइन के हिसाब से यानी 31 मार्च 2019 तक नहीं आए। इससे 1500 छात्रों का कॅरियर दांव पर लगा हुआ है। इससे जिले के करीब सौ से ज्यादा सरकारी स्कूलों में नौकरी करने वाले शिक्षक प्रभावित होंगे।

अप्रशिक्षित शिक्षकों की पहचान कर हटाया जाएगा नौकरी से

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अब्दुल सलाम अंसारी ने कहा कि शिक्षा विभाग के नियम के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक जिन लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है। उनका सर्वे चल रहा है। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। अप्रशिक्षित शिक्षक की पहचान कर उन्हें नौकरी से हटाया जाएगा। तत्काल वेतन बंद करने का आदेश दिया गया है। एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट नहीं देने वाले जवाबदेह पदाधिकारी पर भी कार्रवाई होगी तथा उनके खिलाफ सरकार को लिखा जाएगा।  


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