सतीशचंद्र झा ने जो ज्ञान अर्जन किया उसको जीवन भर बांटा Muzaffarpur News
शिक्षाविद सतीशचंद्र झा की याद में व्यख्यानमाला का आयोजन। शिक्षाविद व चिकित्सक सम्मानित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय संस्कृति विभागाध्यक्ष रहे शिक्षाविद डॉ.सतीशचंद्र झा की याद में व्यख्यानमाला का आयोजन किया गया। सतीश सेवा समिति व मिशन भारती रिसर्च इंफॉर्मेशन सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में एलएस कॉलेज सभागार में डॉ.सतीशचंद्र झा व्यक्तित्व व कृतित्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साहित्यकार डॉ.शिवदास पांडेय ने कहा कि शिक्षाविद डॉ.सतीशचंद्र झा ने जो भी ज्ञान अर्जित किया उसको वे बांटते रहे। वे बिहार के अमूल्य धरोहर वे। उन्होंने संस्कृत के उत्थान के लिए अपना सबकुछ न्योछावर किया। उनके शिष्य आज हर जगह संस्कृत भाषा के विकास में लगे हुए हैं।
पूर्व कुलपति डॉ.गोपाल जी त्रिवेदी ने डॉ.झा को युग पुरुष बताते हुए साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान पर चर्चा की। संबोधित करने वालों में डॉ. प्रकाश पांडेय, डॉ.रंजीत नारायण तिवारी, डॉ.प्रसूनदत्त सिेंह, डॉ.शशिकांत झा, डॉ.सुरेश्वर झा, डॉ.बौआनंद झा, डॉ.मनोज कुमार, डॉ.ब्यासनंदन शास्त्री, डॉ.ममता पांडेय शामिल रहे। संचालन डॉ.संजय पंकज व धन्यवाद ज्ञापन राजेश झा ने किया। इससे पहले उनके चित्र पर माल्णार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत हुई। डॉ.राजेश झा ने कहा कि उनके जो भी संग्रह हैं, उनको प्रकाशित किया जाएगा।
इनको मिला स्मृति सम्मान
विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट काम करने वालों को सतीश चन्द्र झा स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। जिनमें वरीय चिकित्सक डॉ.अरुण शाह, डॉ.एचएन भारद्वाज, डॉ.संजय पंकज, डॉ.रामजी प्रसाद, शिक्षाविद राजीव रंजन, मनोज कुमार झा, एचएल गुप्ता, अविनाश तिरंगा, मुकेश त्रिपाठी, मनोज वत्स, आनंद कुमार उर्फ सोनू सिंह, विमल कुमार, प्रेमभूषण, अमित रंजन आदि शामिल थे।