‘हमनी के छोड़ नगरिया नू हो कहवां जइबू हे माई.....’, गीत से मां की विदाई
मूर्ति विसर्जन के साथ सरस्वती पूजा संपन्न, भरे दिल से मां की विदाई। मां का भरा खोइंचा, की सुखद भविष्य व मंगलमय जीवन की कामना। अबीर-गुलाल की खेली होली।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। 'हमनी के छोड़ नगरिया नू हो, कहवां जइबू हे माईÓ गीत गाती महिलाएं व युवतियां भरे मन से मां सरस्वती को विदा कर रहीं थीं। खोइंचा की रस्म पूरी करने के बाद मां को भावभीनी विदाई दी गई। सबने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल भी लगाया। इस दौरान वासंतिक माहौल देखते बन रहा था। सोमवार को मूर्ति विसर्जन के साथ ही सरस्वती पूजा संपन्न हो गई। मूर्ति विसर्जन का सिलसिला सुबह करीब दस बजे के बाद ही शुरू हो गया, जो देर रात तक जारी रहा।
मूर्तियों के साथ युवा तो युवा, बच्चे व युवतियां भी गुलाल उड़ाते झूमते-नाचते चल रही थीं। अखाड़ाघाट, दादर, संगमघाट आदि जगहों पर मूर्ति विसर्जन किया गया। उधर, चांदनी चौक स्थित हीरा बालिका उच्च विद्यालय में भी बच्चियों ने धूमधाम से मां शारदे की पूजा की। इसमें प्राचार्या डॉ.कुमकुम सिंह, आचार्य संतोष मिश्र भारद्वाज, निर्मल सिंह, शांति सिंह, मधु श्रीवास्तव, मुस्कान, सुप्रिया, साक्षी, रौशनी, उपेंद्र कुमार आदि मौजूद रहीं। इधर, एमडीडीएम कॉलेज के छात्रावास में मां की पूजा के बाद छात्राओं ने भरे दिल से मां को विदाई दी।
उन्होंने अबीर-गुलाल की होली भी खेली। इसके पूर्व प्राचार्या डॉ.ममता रानी ने मां का खोइंचा भरा और पूजा-आरती की। सभी छात्राओं के सुखद भविष्य और मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर इशा सिन्हा, स्वाति,अंजली चौधरी, काजल मिश्रा, रिया चौहान, आलोपी झा, रुचि, ज्योति, प्रीति, सोनम, सविता, शिवांगी, अनुराधा आदि छात्राएं मौजूद रहीं।
उधर, बैरिया प्रतिनिधि के अनुसार, मूर्ति विसर्जन के दौरान दादर पुल, संगमघाट व अखाड़ाघाट पुल पर वाहनों की कतार लग गई, जिसके कारण कुछ देर के लिए जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस बीच पुलिस को यातायात नियंत्रण में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जाम में फंसे वाहनों व राहगीरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जाम से बचने के लिए कई लोगों ने अपना मार्ग ही बदल लिया।