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Positive India: दरभंगा में मृत्यु भोज की जगह हुआ पौधारोपण, मां की याद में पुत्रों ने लगाएं 21 फलदार पौधे

दरभंगा शहर के गांधीनगर कटरहिया मोहल्ले में मां की मौत के बाद पुत्रों ने लगाए 21 पौधे। कहा- इन पौधों की छाया में मां की परछाई महसूस करना है।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 10:40 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 10:40 PM (IST)
Positive India: दरभंगा में मृत्यु भोज की जगह हुआ पौधारोपण, मां की याद में पुत्रों ने लगाएं 21 फलदार पौधे
Positive India: दरभंगा में मृत्यु भोज की जगह हुआ पौधारोपण, मां की याद में पुत्रों ने लगाएं 21 फलदार पौधे

दरभंगा, जेएनएन। दरभंगा में अपनी मां के निधन के बाद परिवार की प्रेरण से महिला के पुत्रों ने मृत्यु भोज की जगह पौधारोपण किया है। पौधा लगाने के बाद छोटे बच्चों ने अपनी मां की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। बताया गया है कि शहर के गांधीनगर कटरहिया मोहल्ला निवासी शंभू महतो की पुत्री रूबी देवी की मौत 14 अगस्त को हो गई थी। वह अपने दो पुत्रों के साथ मायके में रह रही थी। सोमवार को श्राद्ध कर्म के दौरान रूबी के स्वजन और समाज के लोगों ने मृत्यु भोज नहीं करने का फैसला लिया। इसकी जगह उनके पुत्रों ने पौधारोपण कर मां की आत्मा की शांति के लिए कामना की। 

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लगाएं 21 फलदार पौधे

पुत्र अंशु कुमार और अमित कुमार ने साथ मिलकर मां के कर्मपूजन के दौरान पौधारोपण किया। पुत्रों ने बताया कि मां की याद में 21 फलदार पौधे लगा रहे हैं। इन पौधों की छाया में मां की परछाई महसूस करना है। रूबी के भाई बिरेंद्र महतो ने कहा जब कोई व्यवहार सामाजिक रूप धारण कर ले तो वह परंपरा बनने लगती है। लेकिन इस परंपरा को हम सबको मिलकर समाप्त करना होगा।  शांति श्रद्धा और सेवा से मिलती है। मृत्यु भोज के बदले यदि सामाजिक काम होने लगे तो सामाजिक उत्थान के साथ मरने वालों की आत्मा को शांति मिलेगी।

पर्यावरण की सुरक्षा ही ईश्वर की पूजा

 इस बारे में राष्ट्रीय सेवा योजना के पदाधिकारी सह सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा ही ईश्वर की पूजा है। पुण्य आत्मा की शांति के लिए पौधारोपण किया जाना सबसे बड़ा यज्ञ है। मृत्यु भोज खाने के बाद लोग भूल जाते हैं। लेकिन, फलदार पौधा लगाकर वर्षों-वर्षों तक मृत आत्मा को याद किया जा सकता है। इस कार्य को सामाजिक स्तर पर बढ़ावा मिलना चाहिए। 


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