Sanskarshala: जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद करे केवल उन्हीं बातों पर ध्यान दें
इनफ्लुएंसर्स का प्रभाव बच्चों पर सबसे अधिक होता है। देखा जाता है कि इनफ्लुएंसर्स अधिकतर सेलिब्रेटिज होते हैं। इनकी बात से प्रभावित होकर बच्चे किसी सामान को खरीदने की जिद हो या उनके बताए स्कूल कालेज में नामांकन की हठ कर बैठते हैं।
युवावर्ग की जीवनशैली पर विशेष प्रभाव
संत जेवियर्स किंडरगार्डेन, रमना की प्राचार्य लिपि सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इंटरनेट का प्रयोग तेजी से बढ़ा है। अगर हम यह कहें कि इंटरनेट हमारे लिए उतना ही आवश्यक हो गया है जितना कि प्राणवायु आक्सीजन तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। कोरोना महामारी के दौरान इंटरनेट का प्रयोग बढ़ा है। इसने जन मानस को एक खुला मंच दिया है जिसके माध्यम से लोग अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। सिर्फ व्यापार या कार्यालय में ही नहीं, शिक्षण में भी इंटरनेट का व्यापक प्रयोग हो रहा है। हममें से बहुत से लोग अपना ज्यादातर समय इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर दे रहे हैं। इंटरनेट मीडिया से हमें बांधे रखने का काम इनफ्लुएंसर्स का होता है। वह प्रभावशाली व्यक्ति जो लोगों को प्रभावित करता है और जन-मानस पर अपनी छाप छोड़ता है। इसके कारण लोग उनका अनुसरण कर उनकी बातों को महत्त्व देने लगते हैं। एक तरह से उनके अनुयायी बन जाते हैं। खासकर युवावर्ग की जीवनशैली इससे अधिक प्रभावित हो रही है।
सदा सावधान रहें
कोरोना काल में जब आवश्यकता थी तो बच्चों को पढ़ाई के लिए इंटरनेट से जोड़ा गया। अब बच्चे विद्यालय जा रहे हैं। शिक्षकों के सानिध्य में उन्हें इंटरनेट मीडिया पर इनफ्लुएंसर्स की जरूरत नहीं है। सही उम्र में सही विषय-वस्तु की जानकारी ही बच्चों के हित में है। ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को बहुत देर तक इसके उपयोग पर उन्हें रोकें। कुछ इनफ्लुएंसर्स ऐसे भी हैं जो सिर्फ अपना फायदा देखते हैं। उन्हें लोगों के नुकसान से कोई मतलब नहीं होता। यह हम पर निर्भर करता है कि सही क्या है और गलत क्या है हम इसका चुनाव कैसे करें। मेरी नजर में सही इनफ्लुऐंसर्स के चुनाव का सिर्फ एक तरीका है। जो कुछ सिखाए और जिससे हम अपने जीवन को बेहतर बना सकें, सिर्फ उन्हीं बातों पर ध्यान दिया जाए। यदि हम सही व्यक्ति से प्रभावित होंगे तो यह हमारे जीवन को नई दिशा देगा, नया आयाम देगा। अन्यथा परेशानियां, दुःख और निराशा मिलेगी।
इनफ्लुएंसर्स के प्रभाव में जल्दी आते बच्चे
होली मिशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निदेशक राजीव कुमार कहते हैं कि इंटरनेट मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। भारत में करीब 90 करोड़ लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इसके अतिरिक्त कंप्यूटर और लैपटाप के उपयोगकर्ता भी हैं। इनके इस उपकरण को उपयोग करने का मूल उद्देश्य है कि इससे नई-नई जानकारियां हासिल करना। हम इंटरनेट मीडिया पर अपने क्षेत्र में प्रभावित करने वाले लोगों से किसी न किसी रूप में मार्गदर्शन लेते हैं। ऐसे में इनके चयन में हमें सावधानी बरतने की जरूरत है। इनफ्लुएंसर्स का प्रभाव बच्चों पर सबसे अधिक होता है। देखा जाता है कि इनफ्लुएंसर्स अधिकतर सेलिब्रेटिज होते हैं। इनकी बात से प्रभावित होकर बच्चे किसी सामान को खरीदने की जिद हो या उनके बताए स्कूल कालेज में नामांकन की हठ कर बैठते हैं। इसमें से कई फैसले गलत भी साबित होते हैं और तबतक काफी समय बर्बाद हो चुका होता है। ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को इन इनफ्लुएंसर्स के प्रभाव में अधिक नहीं आने दें।
इनफ्लुएंसर्स के चुनाव में रखें सावधानी
बच्चों को इस प्रकार तैयार करें कि वे स्वयं एक अच्छा इनफ्लुएंसर्स बन सकें। अपनी राजनीति चमकाने के लिए भी कई अच्छे वक्ताओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। कई बार इससे समाज में कड़वाहट का माहौल बन रहा है। ऐसे इनफ्लुएंसर्स जो समाज के माहौल को विषाक्त कर बच्चों पर गलत प्रभाव डाल रहे हों। उनसे दूरी बनाकर रखने में ही इन बच्चों की सफलता निश्चित की जा सकती है, लेकिन कुछ इनफ्लुएंसर्स ऐसे भी हैं जिन्हें विषय वस्तु की अच्छी समझ है। ये जब इंटरनेट मीडिया पर अपनी बात रखते हैं तो लाखों लोग इससे प्रभावित होते हैं। इनका उद्देश्य समाज में बेहतर माहौल तैयार करना और लोगों को अच्छी जानकारियां देना होता है। हमें ऐसे ही इनफ्लुएंसर्स का चयन करना चाहिए। इससे हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी आसानी से आगे बढ़ सकते हैं।