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न डोज न सलाह 'जानवर' की तरह इलाज

सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक प्रसूताओं का इलाज मानव नहीं 'जानवर' की तरह हो रहा है। मनमाना डोज व अनट्रेंड एएनएम व परिचारिका प्रसव करा रही हैं। हद तो यह है कि अस्पताल में मां को दूध के प्रति जागरूक करने वाली ममता भी प्रसव करा रही हैं।

By Edited By: Published: Sun, 04 Sep 2016 02:10 AM (IST)Updated: Sun, 04 Sep 2016 02:10 AM (IST)
न डोज न सलाह 'जानवर' की तरह इलाज

मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक प्रसूताओं का इलाज मानव नहीं 'जानवर' की तरह हो रहा है। मनमाना डोज व अनट्रेंड एएनएम व परिचारिका प्रसव करा रही हैं। हद तो यह है कि अस्पताल में मां को दूध के प्रति जागरूक करने वाली ममता भी प्रसव करा रही हैं। इसका खुलासा हाल में गायघाट, साहेबगंज व सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान तीन महिलाओं की मौत की जांच से हुआ। डीएम के निर्देश व चिकित्सक और प्रशासनिक अधिकारियों की जांच के बाद चार एएनएम, तीन ममता व एक आशा को चयन मुक्त कर दिया गया। सदर अस्पताल में तैनात डॉ.शोभा रानी से जवाब-तलब किया गया है। शनिवार को क्षेत्रीय स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ.विजय कुमार ने सिविल सर्जन के साथ इसकी समीक्षा करते हुए हिदायत दी कि अगर मरीजों का सही तरीके से इलाज नहीं होगा तो अस्पताल का क्या औचित्य।

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गायघाट में दे दिया ओवर डोज

गायघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए राघोपुर निवासी शीला देवी को लाया गया। एएनएम इंदू देवी ने बिना रजिस्टर पर नाम दर्ज किए व बिना चिकित्सक से पूछे इलाज शुरू कर दिया। दूसरी एएनएम रानी कुमारी ने सुबह सात बजे उस मरीज का आगमन व भर्ती किया। बिना चिकित्सक की सलाह से प्रसव दर्द बढ़ाने वाली दवा का प्रयोग किया गया। ओवर डोज दवा से उसकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। इस मामले में यहां की एएनएम इंदू देवी को निलंबित करते हुए कांटी तथा रीना कुमारी को निलंबित करते हुए मोतीपुर पीएचसी में भेजा गया है। आशा नूतन कुमारी की लापरवाही भी सामने आई, इसलिए उसको चयन मुक्त करने का आदेश दिया गया है।

सदर में ममता ने कराया प्रसव

सदर अस्पताल में गुडि़या देवी को प्रसव के लिए भर्ती किया गया। यहां परिचारिका सुनैना शर्मा व तनुजा कुमारी की ड्यूटी थी। दोनों ने प्रसव कराने में रुचि नहीं ली। ममता कार्यकर्ता ने बिना चिकित्सक के सलाह के प्रसव कराया, जो मौत के कारणों में से एक है। दोनों को निलंबित करते हुए सकरा रेफरल अस्पताल भेजा गया। इधर, ममता कार्यकर्ता सुमन कुमारी, रानी प्रथम व मिंटू कुमारी को लापरवाही व कर्तव्यहीनता के कारण चयन मुक्त किया गया। इसके साथ ही सीएस ने उस समय ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक डॉ.शोभारानी से जवाब-तलब करते हुए डीएम को रिपोर्ट दी है।

साहेबगंज में भी लापरवाही

साहेबगंज पीएचसी में बेबी कुमारी की प्रसव के दौरान मौत हुई है। जांच टीम ने इलाज में लापरवाही मानते हुए मरीज के भर्ती होने व मौत होने तक तैनात एएनएम व चिकित्सक और अन्य कर्मियों के रोस्टर के हिसाब से प्रतिवेदन 24 घटे के अंदर मांगा है।


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