बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में आयुर्वेद छात्रों पर लाठीचार्ज, विरोध में वीसी आवास पर हमला, तोडफ़ोड़
वीसी से मिलने पहुंचे थे काफी संख्या में छात्र-छात्राएं, बवाल। मुजफ्फरपुर के अलावा छपरा व गया के छात्र थे शामिल। परीक्षा के लिए सुगबुगाहट नहीं होने से आक्रोशित हैं छात्र-छात्राएं।
By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 06:04 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 06:04 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से आयुर्वेद (बैचलर ऑफ़ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) के छात्रों से वीसी को नहीं मिलने देने पर हंगामा देखते ही देखते बवाल में तब्दील हो गया। वीसी आवास के भीतर की स्थिति को देखने के बाद पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने आते ही लाठीचार्ज शुरू कर दी।
इससे छात्र और उग्र हो गए। उनलोगों ने वीसी आवास पर हमला बोल दिया। आवास के अंदर तोडफ़ोड़ की। उनकी सरकारी गाड़ी के शीशे चकनाचूर कर दिए।
मेन गेट को तोडऩे का प्रयास किया और जमकर रोड़ेबाजी भी की। आवास के अंदर से बाहर तक अफरातफरी मची रही। इस दौरान कुछ छात्र चोटिल भी हुए। छपरा के एक छात्र का सिर फूट गया।
छात्रों ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उसने छात्राओं को भी नहीं बख्शा। उनकी पिटाई की। पुलिस पर गाली-गलौज और दुव्र्यवहार का भी आरोप लगाया। हालांकि, विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
हालात को काबू में करने के लिए विश्वविद्यालय थाने के अलावा काजी मोहम्मदपुर पुलिस व क्यूआरटी भी मौके पर मौजूद थी। मुजफ्फरपुर, गया व छपरा के आयुर्वेदिक कॉलेजों के ये छात्र परीक्षा की मांग कर रहे थे। इनका सेशन तीन साल विलंब हो चुका है।
ऐसे बढ़ गया बवाल
2016-2017 व 2017-2018 सेशन के छात्र परीक्षा नहीं होने से आक्रोशित हैं। इनका आरोप है कि वीसी से पहले उन लोगों ने कंट्रोलर से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। तब तक वीसी अपने आवास पर गाड़ी से पहुंचे।
उनसे मिलने के लिए गाड़ी के पीछे हो लिए तो अंदर पहुंचते ही उनके गार्डों ने मारपीट शुरू कर दी। इतने में पुलिस बुला ली गई। पुलिस ने पिटाई शुरू कर दी। गुस्से में आकर छात्रों ने भी रोड़ेबाजी की।
बीआरएबीयू के वीसी डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि मैंने उनके प्रतिनिधिमंडल को मुलाकातियों वाले गेट से अंदर बुलाया था। मगर उनका हुजूम सीधे अंदर पहुंचकर हंगामे पर उतारु हो गया। हमारे लोगों ने बलप्रयोग नहीं किया। उनकी परीक्षा के लिए हम प्रयासरत हैं मगर उनसे कहा है कि पहले 2015-16 बैच की परीक्षा करा लेते हैं तो उनके लिए भी राजभवन से अनुमति मांगी जाएगी।
इससे छात्र और उग्र हो गए। उनलोगों ने वीसी आवास पर हमला बोल दिया। आवास के अंदर तोडफ़ोड़ की। उनकी सरकारी गाड़ी के शीशे चकनाचूर कर दिए।
मेन गेट को तोडऩे का प्रयास किया और जमकर रोड़ेबाजी भी की। आवास के अंदर से बाहर तक अफरातफरी मची रही। इस दौरान कुछ छात्र चोटिल भी हुए। छपरा के एक छात्र का सिर फूट गया।
छात्रों ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उसने छात्राओं को भी नहीं बख्शा। उनकी पिटाई की। पुलिस पर गाली-गलौज और दुव्र्यवहार का भी आरोप लगाया। हालांकि, विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
हालात को काबू में करने के लिए विश्वविद्यालय थाने के अलावा काजी मोहम्मदपुर पुलिस व क्यूआरटी भी मौके पर मौजूद थी। मुजफ्फरपुर, गया व छपरा के आयुर्वेदिक कॉलेजों के ये छात्र परीक्षा की मांग कर रहे थे। इनका सेशन तीन साल विलंब हो चुका है।
ऐसे बढ़ गया बवाल
2016-2017 व 2017-2018 सेशन के छात्र परीक्षा नहीं होने से आक्रोशित हैं। इनका आरोप है कि वीसी से पहले उन लोगों ने कंट्रोलर से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। तब तक वीसी अपने आवास पर गाड़ी से पहुंचे।
उनसे मिलने के लिए गाड़ी के पीछे हो लिए तो अंदर पहुंचते ही उनके गार्डों ने मारपीट शुरू कर दी। इतने में पुलिस बुला ली गई। पुलिस ने पिटाई शुरू कर दी। गुस्से में आकर छात्रों ने भी रोड़ेबाजी की।
बीआरएबीयू के वीसी डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि मैंने उनके प्रतिनिधिमंडल को मुलाकातियों वाले गेट से अंदर बुलाया था। मगर उनका हुजूम सीधे अंदर पहुंचकर हंगामे पर उतारु हो गया। हमारे लोगों ने बलप्रयोग नहीं किया। उनकी परीक्षा के लिए हम प्रयासरत हैं मगर उनसे कहा है कि पहले 2015-16 बैच की परीक्षा करा लेते हैं तो उनके लिए भी राजभवन से अनुमति मांगी जाएगी।
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