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Muzaffarpur News: कटरा प्रखंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग, 16 पंचायतें बाढ़ के पानी में डूबीं

बेरई उत्तरी के बरहद स्थित जमींदारी बांध टूट जाने स े सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूबी बकुची स्थित पावर सब स्टेशन में पानी घुस जाने से विद्युत आपूर्ति ठप।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 07:32 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 07:32 PM (IST)
Muzaffarpur News: कटरा प्रखंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग, 16 पंचायतें बाढ़ के पानी में डूबीं
Muzaffarpur News: कटरा प्रखंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग, 16 पंचायतें बाढ़ के पानी में डूबीं

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से प्रखंड की 16 पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ गर्इं। जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। सारी फसलें पानी में डूब गर्इं। आवागमन की समस्या विकराल हो गई। कटरा-मझौली मार्ग के बीच दरगाह पेट्रोल पंप के समीप मुख्य सड़क कट जाने से जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया। उधर, सोनपुर-गंगेया के बीच ग्रामीण सड़क में कटाव होने से मार्ग अवरुद्ध हो गया।

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पीपा पुल व चचरी पुल क्षतिग्रस्त होने से उत्तरी कटरा की 14 पंचायत की डेढ़ लाख आबादी का प्रखंड से संपर्क भंग हो गया है। वे लोग 70 किमी की दूरी तय कर भड़वाड़ा-बेनीबाद-जारंग के मार्ग से प्रखंड आने को विवश हैं। नाव की भी किल्लत होने से लोगों के सामने आवागमन की परेशानी बनी हुई है। महज 7 नावों के भरोसे डेढ़ लाख की आबादी का आवागमन तय किया गया है। बेरई उत्तरी के बरहद स्थित जमींदारी बांध टूट जाने से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गई।

बकुची स्थित बिजली पावर सब स्टेशन में पानी घुस जाने से विद्युत आपूर्ति ठप पड़ गई। पूरे प्रखंड में अंधेरा छा गया। गुाुवार को दर्जनों पंचायत प्रतिनिधि प्रखंड कार्यालय पहुंच कर राहत वितरण की आवाज उठाने लगे, लेकिन अंचल प्रशासन की शिथिलता से लोगों में क्षोभ दिखा। बर्री पंचायत के लगभग 3 हजार परिवार बाढ़ की चपेट में हैं जिनके लिए महज 500 शीट पॉलीथिन दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रकांत मिश्रा ने सीओ से मिलकर बताया कि पिछले वर्ष 2700 शीट मिला था, फिर भी कम पड़ गया था। इस बार संख्या में वृद्धि है।

पहसौल, खंगुरा, सोनपुर, धनौर आदि के मुखिया ने सीओ से अविलंब राहत कार्य चलाने की मांग की। विभिन्न ठिकानों पर शरणार्थी बने बाढ़ पीडि़तों के सामने जीवन यापन चुनौती बनी हुई है। वहीं पशुओं के चारे का कोई प्रबंध नहीं होने से समस्या गहराने लगी है। पशु के साथ लोग रोड तथा बांध पर शरण ले रहेे हैं। अबतक लगभग एक लाख की आबादी बाढ़ की जद में है। धनौर मुखिया देवेंद्र पासवान व सोनपुर मुखिया मुकेश कुमार ने बताया कि पंचायत का अधिकांश परिवार बाढ़ से प्रभावित है, किन्तु प्रशासन चैन की नींद सो रहा है। 


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