Move to Jagran APP

मरीजों से पटे अस्पताल, जिलेवासियों को सता रहीं ये बीमारियां Muzaffarpur News

मौसमी बीमारियों से महिलाएं और बच्चे सर्वाधिक पीडि़त । सर्दी-खांसी बुखार व डायरिया के शिकार हो रहे लोग।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 11:47 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 11:47 AM (IST)
मरीजों से पटे अस्पताल, जिलेवासियों को सता रहीं ये बीमारियां Muzaffarpur News
मरीजों से पटे अस्पताल, जिलेवासियों को सता रहीं ये बीमारियां Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढऩे लगा है। एसकेएमसीएच, सदर अस्पताल से पीएचसी तक मरीजों की संख्या बढ़ी है। सबसे ज्यादा मरीज सर्दी-खांसी, बुखार, डायरिया व श्वास संबंधी बीमारी से परेशान होकर पहुंच रहे हैं। इसके सर्वाधिक शिकार बच्चे व महिलाएं हो रही हैं। डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने मौसम के बदले मिजाज से सेहत पर प्रभाव पडऩे की बात कही है। बाढ़ व बरसात का चौतरफा जमा गंदा पानी बीमारी का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। इस मौसम में सेहत का विशेष ख्याल रखना जरूरी है। शहर के युवा चिकित्सक सुनील कुमार ने बताया कि इस मौसम में खानपान व लाइफ स्टाइल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

loksabha election banner

इन बातों का रखें ध्यान

- साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। घर के आस-पास गंदगी व जलजमाव नही होने दें। बाढ़ व बरसात के पानी में भीगने से बचें।

- बाजार में खुले में बिक रहे खाद्य व पेय पदार्थ के सेवन से परहेज करें।

- ताजा व गरम भोजन ही करें, ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।

- तेज बुखार या अन्य कोई परेशानी होने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से मिलें।

नित्य पहुंचते तीन हजार से अधिक मरीज

एसकेएमसीएच में बाढ़-बारिश के बावजूद मरीजों की संख्या में कमी नहीं है। पूर्व की तरह 1300 से 1500 तक नए और इसी अनुपात में पुराने मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें सर्वाधिक मौसमी बीमारी के मरीज होते हैं। हालांकि बरसात व बाढ़ के पानी से फिसलन में गिरने से हड्डी की पीड़ा से इन दिनों कुछ मरीज बढ़े हैं। शल्य, ऑर्थो और स्त्री व प्रसव विभाग में भी पूर्व की भांति पांच से सात मरीजों का शल्य कार्य होता है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने बताया कि यह चौबीसों घंटे मरीजों की सेवा को चिकित्सक व कर्मियों की तैनाती रहती है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जांच से शल्य कार्य तक की व्यवस्था है। वार्ड में भर्ती सभी मरीजों के लिए दवा का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। यहां किसी तरह की कोई दवा मरीजों को बाहर से नहीं खरीदनी पड़ती है।

सड़क बनी नाली, गंदे पानी से बीमारी

 शहर से गांव तक की अधिकतर सड़कें इन दिनों नाली का रूप ले चुकी हैं। बरसात के दिनों में घर से नाला तक का पानी सड़क पर लोग बेरोक-टोक बहाते हैं। इससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं। इससे गुजरने के बाद विशेष कर पैर में जख्म तक हो जाते हैं। ये मधुमेह ग्रसित मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। एसकेएमसीएच के चर्म रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अवधेश कुमार बताते हैं कि सबसे पहले तो इस गंदे पानी से गुजरने से बचना चाहिए। साथ ही जब बाहर से घर पर पहुंचे तो पैैर को साबुन से साफ करके नारियल या सरसों का तेल लगाएं।  

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.