आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय व पेयजल की समस्या करें दूर
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल व शौचालय की व्यवस्था करें। इस मद में आवंटित राशि से समस्याओं को दूर करें। ये निर्देश समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने परिसदन में समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए।
मुजफ्फरपुर। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल व शौचालय की व्यवस्था करें। इस मद में आवंटित राशि से समस्याओं को दूर करें। ये निर्देश समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने परिसदन में समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को सुचारु रूप से चलाने के लिए कई आवश्यक निर्देश दिए। कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की नियमित जांच हो, जहां गड़बड़ी मिले कार्रवाई करें। जिन केंद्रों की ढांचागत स्थिति अच्छी नहीं है उसकी रिपोर्ट दें। केंद्रों के संचालन में किसी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बच्चों को नियमित पोषाहार दें, जहां इसमें गड़बड़ी सामने आए तुरंत कार्रवाई करें। सामाजिक सुरक्षा कोषांग की समीक्षा में उन्होंने कहा कि कबीर अंत्येष्टि योजना समेत सभी तरह की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले। मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए अधिक से अधिक वृद्धों को इसका लाभ देने पर जोर दिया। मौके पर आइसीडीएस की डीपीओ ललिता कुमारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा एवं जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक ब्रजभूषण कुमार आदि थे।
एक भवन में होंगे समाज कल्याण विभाग के सभी आश्रयगृह : समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के सभी आश्रयगृह एक ही भवन में होंगे। हर जिले में इसकी व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में सभी जिलाधिकारी से जमीन का प्रस्ताव मांगा गया है। प्रस्ताव मिलते ही विभाग भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर देगा। ये बातें उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य स्तरीय टीम द्वारा विभिन्न जिलों का औचक निरीक्षण कराया गया। जांच टीम की रिपोर्ट पर 246 सीडीपीओ पर कार्रवाई की गई। वहीं आंगनबाड़ी केंद्र संचालन में गड़बड़ी मिलने पर 266 सेविका-सहायिका को चयन मुक्त किया गया। मंत्री ने कहा कि सेविका व सहायिका बहाली में पारदर्शिता लाने की व्यवस्था की गई है। चयन से असंतुष्ट आवेदक सीपीडीओ के पास शिकायत कर सकती हैं। इसे 30 दिनों के अंदर निष्पादित करना है। यहां से असंतुष्ट होने पर डीपीओ से शिकायत की जा सकती है। 45 दिनों में इसका निष्पादन कर देना है। उसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त के यहां भी शिकायत की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक योग्यता में गड़बड़ी मिलने पर नियुक्ति को रद कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में 30 लाख का लक्ष्य : मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत सात वृद्धों को पेंशन दी जा रही है। इस योजना के तहत 30 लाख का लक्ष्य पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि वृद्धजन को समय से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।