Ayodhya Ram Mandir : पाहुन के मंदिर के लिए जनकपुरधाम से मिट्टी जाने पर अब तकऊहापोह
Ayodhya Ram Mandir भगवान राम की जन्मस्थली को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री के बयान के बाद असमंजस ।विहिप के जनकपुरधाम के प्रांत मंत्री वहां से मिट्टी भेजने के लिए प्रयासरत।
सीतामढ़ी, [अवध बिहारी उपाध्याय] । नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भारत के प्रति बदले सुर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जनकपुरधाम से मिट्टी भेजे जाने को लेकर साधु-संतों में ऊहापोह की स्थिति है। पिछले दिनों ओली ने भगवान श्रीराम को नेपाली और उनकी जन्मस्थली नेपाल के भिखनाठोरी को बताया था। इसका नेपाल में भी कड़ा विरोध किया जा रहा है। मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के साथ नेपाल के जनकपुरधाम से भी अयोध्या मिट्टी जाना आवश्यक माना जा रहा है, लेकिन नेपाल का मौजूदा तेवर इसमें बाधक बन सकता है। कुछ साधु-संतों का कहना है कि पाहुन यानी प्रभु श्रीराम के मंदिर के लिए जनकपुरधाम से मिट्टी तो जानी ही चाहिए।
साधु-संत जनकपुर नहीं जा पा रहे
राम मंदिर निर्माण के लिए माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के अलावा उत्तर बिहार की प्रमुख नदियों का पवित्र जल और धार्मिक स्थलों की मिट्टी अयोध्या भेजने की तैयारी हो रही है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता इसे एकत्र कर रहे। इसे लेकर वे एक अगस्त को रवाना होंगे। माता सीता के मायके जनकपुरधाम की मिट्टी भी भेजने की तैयारी है। लेकिन, नेपाल व भारत के बीच बढ़ी दूरियां इसमें बाधक न बन जाएं, इसे लेकर चिंता है। इस समय कोरोना के चलते नेपाल की सीमा भी सील है। इसके चलते भी जनकपुरधाम पहुंचने में परेशानी है। मिट्टी लाने के लिए यहां से साधु-संत व अन्य नहीं जा पा रहे। इसलिए वहां से मिट्टी भेजी जाए, इसके लिए प्रयास हो रहा।
जनकपुरधाम मंदिर के महंत ने दिया आश्वासन
विश्व हिंदू परिषद के उत्तर बिहार प्रांत सह मंत्री अरविंद कुमार का कहना है कि जनकपुरधाम के प्रांत मंत्री जितेंद्र सिंह वहां से मिट़्टी भेजने के लिए प्रयासरत हैं। जनकपुरधाम मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव से मिट्टी मांगी गई है। उन्होंने आश्वासन भी दिया है। तमाम संगठन मंत्री व क्षेत्रीय मंत्री भी इसके लिए वार्ता कर रहे हैं। पीएम ओली के बयान के हिसाब से अगर नेपाल को मिट्टी देने या भेजने में कोई परेशानी हुई तो भारतीय दूतावास से इसमें हस्तक्षेप की मांग की जाएगी। सीतामढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू का कहना है कि नेपाल स्थित भारतीय दूतावास से इसके लिए बात कर रहा हूं।
नेपाल के पीएम के रवैये से परेशानी
पुनौराधाम, सीतामढ़ी के महंत कौशल किशोर दास, जानकी मंदिर के महंत विनोद दास का कहना है कि जनकपुरधाम में माता सीता का पालन हुआ था। वहां की मिट्टी अवश्य राम मंदिर निर्माण में शामिल की जानी चाहिए। सीता मंदिर पंथपाकड़ के महंत देवेंद्र शाही व राम जानकी मंदिर के महंत राज नारायण दास कहते हैं कि जनकपुरधाम से मिट्टी भेजे जाने को लेकर ऊहापोह की स्थिति नेपाल के पीएम के रवैये के चलते है। नेपाल इसमें अवरोध पैदा करता है तो भारत सरकार को पहल करनी चाहिए।
राम मंदिर निर्माण में मदद करेगी नेपाली हिंदू परिषद
हिंदू परिषद (नेपाल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष पटेल और उपाध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण में हरसंभव सहयोग के लिए तैयार हैं। इस मुद्दे पर विचार के लिए बुधवार को पर्सा जिला (वीरगंज) में परिषद की केंद्रीय समिति की बैठक हुई। अध्यक्ष ने कहा कि आगामी 5 अगस्त को दुनिया के ङ्क्षहदुओं को विजय दिवस के रूप में मनाना चाहिए। क्योंकि, लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद ङ्क्षहदू समाज की सातवीं पीढ़ी को मंदिर निर्माण का सौभाग्य मिलेगा। नेपाल का सीधा संबंध श्रीराम से है। यदि अयोध्या ट्रस्ट की ओर से बुलावा आया तो परिषद के सदस्य भाग लेंगे। लॉकडाउन को लेकर बॉर्डर सील होने के कारण अयोध्या जाने के लिए दोनों देशों की सरकारों से अनुमति लेनी होगी। अभी संस्था नेपाल स्थित भारतीय वाणिज्य दूतवास और नेपाली गृह मंत्रालय से संपर्क कर मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में भाग लेने का प्रयास करेगी। बैठक में केंद्रीय समिति के कोषाध्यक्ष संजय सर्राफ, केंद्रीय सदस्य श्रीराम उपाध्याय, सुरेश साह कानू, चितरंजन श्रीवास्तव, सलाहकार सुनील गुप्ता आदि थे।