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पूर्वी चंपारण में मृदा परीक्षण की हकीकत, 20630 की जगह 786 मिट्टी जांच के नमूने पहुंचे प्रयोगशाला

East Champaran प्रयोगशाला में पहुंचे 786 नमूनों में मात्र 140 की हुई जांचबीते तीन वित्तिय वर्ष से लक्ष्य को पूरा करने में फिसडडी रहा विभाग वित्तीय वर्ष 2021-22 में जांच के लिए मानक के विपरित संग्रह किया गया मिट्टी का नमूना।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 05:27 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 05:27 PM (IST)
पूर्वी चंपारण में मृदा परीक्षण की हकीकत, 20630 की जगह 786 मिट्टी जांच के नमूने पहुंचे प्रयोगशाला
गिले खेत से कृषि समन्वयक नीलम कुमारी की देखरेख में मिट्टी जांच के लिए संग्रहित किया जा रहा नमूना। जागरण

पूर्वी चंपारण, जासं। किसानों के खेत में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के साथ मिट्टी को उपजाऊ बनाने व खेती-किसानी को उन्नत करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में प्रारंभ मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का जिले में बुरा हाल है। किसानों के फायदे के लिए शुरू की गई इस महती योजना को स्थानीय स्तर पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं। अबतक सात वित्तीय वर्ष में किसी भी वर्ष मिट्टी जांच का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है।

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वित्तीय वर्ष 2021-22 में कृषि विभाग द्वारा किसानों के खेतों की मिट्टी जांच की प्रक्रिया तेज की गई है। इस बार जिले के विभिन्न प्रखंडों से 20630 किसानों के खेतों से मिट्टी की जांच का लक्ष्य रखा गया। बावजूद इसके जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित प्रयोगशाला में विभिन्न प्रखंडों से मात्र 786 नूमना ही पहुंच सका हैं, वही अब तक मात्र 140 नमूनों की जांच की गई है, जबकि 646 अब भी शेष है। ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा किसानों के हित को लेकर शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजनाओं को विभागीय अधिकारी व कर्मी कैसे पलीता लगा रहे है। स्वायल हेल्थ कार्ड के प्रचार-प्रसार के लिए जनजागृति की आवश्यकता है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों, कर्मियों व जनप्रतिनिधियों को आगे जाने की जरूरत है। सभी कार्यक्रमों व सभाओं में किसानों को खेतों की मिट्टी जांच कराने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।

मानक के विपरित संग्रह किया जा रहा मिट्टी जांच के लिए नमूना

जिले को प्राप्त मिट्टी जांच के लक्ष्य के विरूद्ध मात्र ढाई प्रतिशत प्रतिशत नमूना संग्रह किया गया है, जबकि संग्रहित नमूनों में साढ़े पांच प्रतिशत की जांच हो सकी है। जांच के लिए खेत से मिट्टी लेने के तकनीक पर भी काम नहीं हो रहा है। जैसे-तैसे लक्ष्य पुरा करने के लिए विभाग के कर्मी गीली खेत से भी जांच के लिए मिट्टी का नमूना संग्रह करने में जुटे है। जिले के मेहसी प्रखंड में कार्यरत कृषि समन्वयक नीलम कुमारी की देखरेख में बारिश के बीच गिली खेती से मिट्टी जांच के लिए नमूना संग्रह कराया गया है, जिसकी जांच संभव नहीं है।

प्रयोगशाला में सभी 12 पारामीटर के जांच की व्यवस्था

जिला कृषि कार्यालय स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला में मिट्टी के सभी 12 पारामीटर की जांच की व्यवस्था है। प्रयोगशाला में मिट्टी के नमूनों में पीएच मान, विद्युत चालकता (ईसी), ऑर्गेनिक कार्बन, फॉस्फोरस (पी2ह्र5), पोटैशियम(के2ह्र), नाईट्रोजन(एन), सल्फर(एस), बोरॉन(बीओ) एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों में ङ्क्षजक(जेडएन), मैंगनीज(एमएन), कॉपर(सीयू), आयरन(एफई) की जांच की जाएगी। अब खेतों में कितनी मात्रा में कौन सी खाद देनी है मानक के अनुसार अनुशंसा की जा रही है।

-बाढ़ व बारिश की वजह से लक्ष्य के विरूद्ध नमूना संग्रह में परेशानी हुई है। स्थिति समान्य होने के साथ इसमें तेजी आएगी। वही गिली खेत से नमूना संग्रह के सवाल पर कहा कि प्रयोगशाला में गिली मिट्टी की जांच नहीं हो सकती। ऐसे भी इसतरह की मिट्टी जांच के लिए रिसिव नहीं की जाती है। - जयराम सिंह, एआरओ मिट्टी जांच प्रयोगशाला, पू.च.


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