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पर्यावरण संरक्षण को रामनाथ ने अर्पित किया पूरा जीवन, पौधरोपण के लिए करते प्रेरित

सुबह-सुबह लोगों के घर पहुंच उन्हें पौधरोपण के लिए प्रेरित करते हैं समस्तीपुर के विभूतिपुर निवासी रामनाथ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 10:50 AM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 10:50 AM (IST)
पर्यावरण संरक्षण को रामनाथ ने अर्पित किया पूरा जीवन, पौधरोपण के लिए करते प्रेरित
पर्यावरण संरक्षण को रामनाथ ने अर्पित किया पूरा जीवन, पौधरोपण के लिए करते प्रेरित

समस्तीपुर [अमरनाथ चौधरी] । पर्यावरण योद्धा सहित विभिन्न पुरस्कारों से नवाजे जा चुके समस्तीपुर जिला अंतर्गत विभूतिपुर प्रखंड निवासी रामनाथ आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अपने जीवन को हरियाली के प्रति समर्पित करने वाले रामनाथ ने पर्यावरण संरक्षण को मिशन बना लिया है। वे सुबह-सुबह लोगों के घर पहुंच जाते हैं और उन्हें पौधरोपण के लिए प्रेरित करते हैं। शुरुआत में उन्होंने महज दो धुर में नर्सरी लगाई थी। आज 13 एकड़ में है।

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   वे नर्सरी से केवल पौधे बेचते नहीं वरन मुफ्त में बांटते भी हैं। पर्यावरण में मानवीय हस्तक्षेप के कुपरिणामों के बारे में अखबारों में छपे आलेखों को पढऩे के बाद विभूतिपुर के शिवनाथपुर निवासी रामनाथ ने 1998 में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले नर्सरी खोली। मुहिम को व्यापक रूप देने के लिए वे 'हरा बिहार अभियान से जुड़ गए। लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने 1998 में हरा बिहार रथ यात्रा निकाली।

   समस्तीपुर, खगडिय़ा, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, पटना आदि जिलों में घूम-घूमकर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई नहीं करने की अपील करने लगे। घरों में होने वाले हरेक आयोजन में एक पौधा अनिवार्य रूप से लगाने का भी संकल्प दिलाने लगे। कई लोगों ने उन्हें सहयोग करना शुरू किया। वहीं दूसरी ओर, नर्सरी का भी विस्तार किया।

पॉपुलर, गम्हार, आंवला, कचनार सब है नर्सरी में

इनकी नर्सरी में महोगनी, सागवान, गम्हार, पॉपुलर, अर्जुन, जामुन, अमरूद, यूकेलिप्टस, आम, आंवला, कचनार आदि हजारों पौधे हैं। वे विभिन्न सरकारी संस्थानों को भी पौधे उपलब्ध कराते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र बिरौली, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विवि पूसा व उद्यान विभाग समेत अन्य संस्था के कार्यकमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

पहली बार वर्ष 1998 में मिला पुरस्कार

रामनाथ सिंह को पहली बार राज्य सरकार ने हरा बिहार अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए 10 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। यह पुरस्कार उन्हें वर्ष 1998 में दिया गया। 2004 में तत्कालीन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. संजय पासवान ने इन्हें ग्राम गौरव सम्मान से सम्मानित किया। इस साल उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वानिकी के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए पटना में सम्मानित किया। पिछले अगस्त में लखनऊ में आयोजित सेमिनार में इन्हें पर्यावरण योद्धा सम्मान से भी सम्मानित किया गया। इस बावत जिला उद्यान पदाधिकारी ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वानिकी के प्रति रामनाथ सिंह की लगन सराहनीय है। इसके लिए विभाग एवं सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया है। 


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