आरोपितों की गिरफ्तारी को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में छापेमारी, नहीं मिली सफलता
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दो दिन पूर्व परीक्षा के दौरान हुई घटना के आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने रविवार को मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी तक छापेमारी की लेकिन सफलता नहीं मिली।
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दो दिन पूर्व परीक्षा के दौरान हुई घटना के आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने रविवार को मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी तक छापेमारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस को सूचना मिली थी कि दो आरोपित सीतामढ़ी में छिपे हैं। उनकी गिरफ्तारी को पुलिस गई थी, लेकिन इसकी भनक लगते ही दोनों फरार हो गए थे। थानाध्यक्ष श्रीकांत सिन्हा ने बताया कि छह आरोपित अभी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी है। शीघ्र उन्हें दबोच लिया जाएगा।
बता दें कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दो दिन पूर्व परीक्षा संचालन के दौरान कदाचार करते पकड़े जाने के बाद एमसीए के एक छात्र को निष्कासित कर दिया गया था। विवि थाने में दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि आरोपित छात्र ने परीक्षा केंद्र के शौचालय में छिपाकर रखे मोबाइल से इसकी सूचना छात्रावास के साथियों को दी। करीब दो दर्जन की संख्या में युवक परीक्षा भवन पहुंचे। इस दौरान गार्ड, शिक्षक व कर्मी की पिटाई की। उत्तरपुस्तिकाएं भी फाड़ दीं। मौके पर जब पुलिस पहुंची तो दंडाधिकारी के सामने भी शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस के जवानों ने किसी तरह उपद्रवियों को परीक्षा केंद्र से बाहर निकाला था। घटना के दौरान विवि के कुल पांच शिक्षक, कर्मी व गार्ड को चोट लगी थी। इन्हीं के बयान पर विवि थाने में आठ नामजद समेत 18 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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शिक्षक संघ ने की परिसर में सुरक्षा देने की मांग :
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (बुटा) एवं विश्वविद्यालय शिक्षक सेवा संघ (बुस्टा) ने परीक्षा भवन में वीक्षकों से हुई मारपीट व दुर्व्यवहार पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है। कहा है कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व शांतिपूर्ण माहौल के लिए ऐसी अराजक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं और इससे शिक्षकों की गरिमा व सम्मान को गहरी ठेस पहुंची है। विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विवि प्रशासन से दोषियों के खिलाफ अविलंब कड़ी कार्रवाई की मांग की। साथ ही विवि प्रशासन से परिसर में चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था कायम करने को कहा गया है ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए। शिक्षकों के दुर्व्यवहार पर क्षोभ जताने वालों में बुटा के संरक्षक व विधान पार्षद प्रो.संजय कुमार सिंह, बुटा महासचिव डा.सुनील कुमार सिंह, बुस्टा उपाध्यक्ष प्रो.जयकान्त सिंह, सीनेटर प्रो.रमेश गुप्ता, बुटा उपाध्यक्ष डा.अजय कुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष डा.अजय कुमार शर्मा, डा.रामविनोद शर्मा, बुटा सचिव डा.विजयेन्द्र झा, डा.नरेन्द्र कुमार सिंह आदि रहे।