आतंकी हमले की याद आते ही सिहर जाते हैं निरंजन
गत वर्ष जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले को नजदीक से देखने वाला जवान निरंजन राम कहते हैं कि उस घटना की याद आते ही वह सिहर जाता है।
मुजफ्फरपुर : गत वर्ष जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले को नजदीक से देखने वाला जवान निरंजन राम कहते हैं कि उस घटना की याद आते ही वह सिहर जाता है। उसके सामने सबकुछ गुजरा। निरंजन इस घटना में गंभीर रूप से घायल सात जवानों में शामिल रहे।
कुढ़नी थाना व तुर्की ओपी के बरकुरवा निवासी निरंजन 35 वीं बटालियन के जवान हैं। वर्तमान में श्रीनगर एयरपोर्ट पर तैनात हैं। पुलवामा को लेकर जब दैनिक जागरण से मोबाइल पर बात हुई तो पहले निरंजन कुछ देर तक मौन हो गए। उसके बाद उसने बताया कि मत पूछिए उस घटना के बारे में बहुत ही दुखद रहा। बताया कि एक तरह से यह मेरा दूसरा जन्मदिन है। उस घटना के शहीद जवानों को सबसे पहले मेरा सलाम है। देश की सीमा की रक्षा करना मेरा धर्म एवं कर्तव्य है। निरंजन को टीस है कि उन्हें बिहार वं केंद्र सरकार से कोई सहायता नहीं मिली। बताते हैं कि आतंकी हमले के बाद पंजाब केसरी से एक लाख ,तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह से 10 हजार नकद, जम्मू कश्मीर सरकार से 50 हजार एवं बटालियन से 25 हजार की सहायता राशि मिली थी। लेकिन बिहार सरकार से कोई सहायता नहीं मिली। बता दें कि आतंकी हमले में निरंजन का जबरा फट गया था। आज भी स्टील लगा हुआ है। निरंजन का दूसरा भाई धमर्ेंद्र कुमार भी सेना का जवान है। उधर, निरंजन की मा शोभा देवी, पिता राजेश्वर राम, भाई मनोज राम ने बताया कि निरंजन का दूसरा जन्म हुआ है। परिजन बताते हैं कि उनके घर दो बेटे देश की रक्षा में तैनात हैं लेकिन उनके घर तक जाने के लिए रास्ता नहीं है। परिजनों ने भी शहीद जवानों को नमन किया। मालूम हो कि पुलवामा हमले में सेना के 43 जवान शहीद हो गए थे। साथ ही 7 जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।