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मौसम की मार से उत्पादन प्रभावित, बाजार में सब्जी की किल्लत Muzaffarpur News

सब्जी मंडी में भिंडी की किल्लत कद्दू की कीमत में वृद्धि। 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाली भिंडी की कीमत पहुंची 50 रुपये तक।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 08:55 AM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 08:55 AM (IST)
मौसम की मार से उत्पादन प्रभावित, बाजार में सब्जी की किल्लत Muzaffarpur News
मौसम की मार से उत्पादन प्रभावित, बाजार में सब्जी की किल्लत Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बेमौसम बारिश और ओले के चलते इस सीजन में सब्जी का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसका सीधा असर सब्जी मंडियों में दिख रहा है। एक ओर मंडी में सब्जियों की किल्लत है। दूसरी ओर जो सब्जियां मिल रही हैं, उनकी क्वालिटी काफी खराब है। किसानों में पूंजी निकालने के लिए कीमत बढ़ा दी तो मंडी में भी महंगाई ने पांव फैला लिया। मांग में गिरावट से हुए नुकसान की भरपाई के लिए खुदरा कारोबारी फल और सब्जी की दोगुनी कीमत वसूलने में लगे हैं।

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बाजार से भिंडी गायब

बाजार में बैगन ही नहीं भिंडी की भी किल्लत है। जबकि, इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाली भिंडी की कीमत बढ़कर 50 रुपये तक पहुंच गई है। सभी मंडियों में यह उपलब्ध भी नहीं है। लेकिन, रमजान के चलते इसका भाव बढ़ गया है। कुछ इसी तरह कद्दू की कीमत भी दोगुनी हो गई है। सब्जी बेचने वाली अफसाना खातून ने बताया कि बेमौसम बारिश के चलते कीमत बढ़ गई है। बताया कि पहले सब्जी की मांग में गिरावट थी। अब हल्की वृद्धि हुई है। सब्जी विक्रेता नौशाद ने बताया कि टमाटर 10 से बढ़कर 20, परवल 30 से 40, भिंडी 20 से 40 व करैला की कीमत 30 से बढ़ कर 40 रुपये हो गई है।

आम की कीमत में दोगुनी वृद्धि

शहर के बाजार में भागलपुर का मालदा और जर्दा आम उपलब्ध है। चार-पांच दिन पूर्व तक 50 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाले आम की कीमत 100 रुपये हो गई है। लॉकडाउन में रियायत और रमजान को लेकर आम की मांग बढ़ते ही कीमतें दोगुनी हो गई हैं। कुछ इसी तरह सेब की कीमत 80 से बढ़कर 120 से 140 रुपये प्रति किलो हो गई है। अंगूर व नारंगी 60 से बढ़कर 100, केला प्रति दर्जन 25 से बढ़ कर 40 रुपये हो गई है।

बाजार समिति मंडी संघ अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी कोरोना के चलते फल और सब्जी बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। आवक में कोई कमी नही है। लेकिन, खुदरा कारोबारी कम पहुंच रहे हैं। थोक मंडी में फल की कीमत पूर्ववत है। लेकिन, खुदरा कारोबारी पूर्व के नुकसान की भरपाई के लिए कीमत बढ़ा कर बेच रहे हैं। 


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