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बागमती नदी पर पुल बन जाता तो जिंदगी हो जाती आसान

मीनापुर प्रखंड की रानीखैरा पंचायत के वाशिंदे मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 02:13 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 02:13 AM (IST)
बागमती नदी पर पुल बन जाता तो जिंदगी हो जाती आसान
बागमती नदी पर पुल बन जाता तो जिंदगी हो जाती आसान

मुजफ्फरपुर (जागरण स्पेशल)। मैं मीनापुर प्रखंड की रानीखैरा पंचायत बोल रही हूं। मेरी पंचायत के बीचो-बीच बागमती नदी है जिसपर एक पुल का निर्माण होना जरूरी है। पानी नहीं रहने पर तो लोग नदी पैदल ही पार कर जाते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में मुश्किल बढ़ जाती है। बाढ़ के समय नाव की व्यवस्था नहीं की जाती और लोगों को पांच किमी की दूरी अधिक तय करनी पड़ती है। पुल के अभाव में शादी- विवाह के समय बहू बेटियों को नदी पैदल ही पार करना पड़ता है। नदी के उत्तरी छोर पर महादलित बस्ती है। नेता सिर्फ वोट के लिए आते हैं। बड़े-बड़े वादे कर चले जाते हैं। लेकिन, किसी ने इसपर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। पूर्व मुखिया मनोज कुमार यादव ने कहा मेरे पंचायत में तीन राजस्व गांव है जिसमें एक विद्यालय दुबहा गाव में स्कूल भवन है। लेकिन, आज तक स्कूल भवन को शिक्षक के दर्शन नहीं हुए। राईपट्टी व करचौलिया महादलित टोला में स्कूल भवन निर्माण को लेकर पंचायत वं प्रखंड से पारित किया गया है, लेकिन अभी तक इस पर को सुनवाई नहीं हुई। सुरेन्द्र बैठा ने कहा पंचायत के बीचो-बीच बागमती नदी पर पुल न होने के कारण पंचायत 100 मीटर दूरी तय करने की बजाए पांच किमी तक की दूरी तय करनी पड़ती है। शादी विवाह में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। करचौलिया से तुर्की जाने वाली सड़क के ऊपर से हाइटेंशन तार काफी नीचे होने के कारण उस राह से गुजरने वाले लोगों के मन डर बना रहता है। क्योंकि कई बार गाव के लोग उसकी चपेट में आ चुके हैं। पैक्स अध्यक्ष रमेश यादव ने कहा कि आजादी के बाद से उत्क्रमित मध्य विद्यालय शीतलपट्टी पूर्वी में छात्रों को जाने का रास्ता नहीं है। शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चे खेत की आरी से होकर स्कूल जाते हैं। कभी-कभी खेत के मालिक उन्हें उधर से जाने से रोकते भी हैं। इस विद्यालय के शिक्षकों की जाच कर योग्य शिक्षक नियुक्ति किया जाए ताकि पठन-पाठन सही से हो सके। मेरे पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका। मंगेया पीडब्ल्यूडी से गोसाईं बनुआ रामप्रीत दास के मठ तक जाने वाली प्रधान मंत्री सड़क का मात्र तीन वर्षो में ही जर्जर हो गई है। इस सड़क पर पैदल भी चलना मुश्किल है। उस रास्ते से गुजरने वाले राहगीर आए दिन गिर कर जख्मी होते रहते हैं। मुकेश पासवान ने कहा कि सामुदायिक भवन करचौलिया में बने 20 वर्ष से अधिक हो गए, लेकिन आज तक उसमें गेट, खिड़की व प्लास्टर तक नहीं हुआ। छत की भी ऐसी स्थिति है कि वह कभी भी गिर सकती है। भवन के अभाव से आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन सही से नहीं होता और न ही बच्चों को योजनाओं का लाभ ही मिलता है।

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पंचायत एक नजर में

आगनबाड़ी केंद्र- 09

विद्यालय - 06

उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन- 01

जनवितरण की दुकान- 04

मतदाता संख्या- 6000

पंचायत की जनसंख्या- 12000

चौपाल में हुए शामिल

गोपाल मिश्रा, ऋषिकेश मिश्रा, सोगारथ दास, ओमप्रकाश महतो, राजू कुमार, विश्वनाथ पासवान, पुकारी देवी, सुशीला देवी, गौरी देवी, वीणा देवी, रूबी देवी, बिंदू देवी, शकुंतला देवी, रंभा देवी, पूनम देवी, लक्ष्मी देवी, सरस्वती देवी, तेतरी देवी, कांति देवी, सीमा देवी, विजेंदर बैठा।

उत्क्रमित मध्य विद्यालय शीतलपट्टी पूर्वी जाने के लिए बच्चों को रास्ता प्रशासन उपलब्ध कराए। सात निश्चय योजना के अंतर्गत पंचायत के दो वार्डो में जल-नल का काम पूर्ण हो चुका है एवं पाच वार्डों में दिसंबर तक पूर्ण होने की संभावना है। शौचालय निर्माण कर 9 वार्डो को ओडीएफ किया जा चुका है जिसका पैसा लाभुकों के बैंक खाते में आज तक नहीं गया है। अनुदान राशि में विलंब होने से सूद पर पैसे लेकर शौचालय का निर्माण कराने वाले लाभुकों को परेशानी हो रही है।

सुधा देवी, मुखिया


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