Move to Jagran APP

नीलगायों के उत्पात व ऊबड़-खाबड़ जमीन से किसान परेशान

पारू प्रखंड की ग्यासपुर पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 09:20 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 09:20 AM (IST)
नीलगायों के उत्पात व ऊबड़-खाबड़ जमीन से किसान परेशान
नीलगायों के उत्पात व ऊबड़-खाबड़ जमीन से किसान परेशान

मुजफ्फरपुर। कहने को तो सुखी- संपन्न और हर सुविधा से लैस पारू प्रखंड की ग्यासपुर पंचायत है, लेकिन अंदर ही अंदर विभिन्न समस्याओं से जूझने को लाचार भी है। नीलगायों का कहर सहा नहीं जा रहा है। फसल उत्पादन के लिए जितने सपना देख लें, मगर रातोरात नील गायों का झूंड चकनाचूर कर देती है। जमीन के समतल नहीं होने से सही तरीके से हम सही उत्पादन नहीं कर पाते। अगर केंद्र और राज्य सरकार हमारी समस्याओं की ओर देखे तो निश्चित रूप से हम भी संपन्न कहे जा सकते हैं। यह दर्द ग्यासपुर पंचायत के ग्यासपुर गाव में आयोजित चौपाल के दौरान किसानों ने व्यक्त किया। अगर सरकार मटिहानी और सलाहपुर गाव स्थित सीमा पर पुल का निर्माण करवा दे तो लंबी दूरी तय करने से लोग बच जाते। बभना चौर में रोड का निर्माण कार्य कराया गया होता तो उमवि ग्यासपुर जाने वाले बच्चे परेशानी से बच जाते और स्कूल में बच्चो की संख्या भी देखने लायक होती। ग्यासपुर कुंवर टोला गाव स्थित स्लूस गेट से नाला उड़ाही और पक्कीकरण हो जाए तो किसानों का एक हजार एकड़ से अधिक जमीन सिंचित हो सकती है। शिक्षा की हालत नाजुक है। शिक्षकों की कमी तो है ही, शिक्षकों में पढ़ाने की रूचि ही खत्म हो चुकी है। उपस्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण तो हुआ लेकिन आज तक उद्घाटन नहीं हो सका और भवन की खिड़की- किवाड़ व शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। ओझा टोला से चिंता कुंवर के घर तक यानी एक किमी कच्ची सड़क पैसे के अभाव में नहीं बन सकी। ग्यासपुर पंचायत विश्व बैंक संपोषित नीर निर्मल योजना को चयनित है। दो करोड़ रुपये की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया जा चुका है, लेकिन दूसरीे पानी टंकी निर्माण स्थल को लेकर विवाद हो गया है। लोगों ने चौपाल मे कहा कि बिहार सरकार की जमीन को एक व्यक्ति निजी जमीन बता दूसरे का घर निर्माण कराने की साजिश रच रहा है। अगर समय पर सीओ ने एनओसी दिया होता तो आज पूरी पंचायत के घरों को स्वच्छ पेयजल मिलता होता। गलत सर्वे के कारण बहुत सारे गरीब बीपीएल सूची में नाम नहीं होने से राशन-केरोसिन से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभ से वंचित हैं। मतदाता सूची की हालत ऐसी है कि जो वृद्ध मरणासन्न हैं उनकी उम्र 45 साल है और आजतक समाजिक सुरक्षा पेंशन का एक पाई नहीं नसीब हो सका। प्राथमिक विद्यालय मटिहानी और उमवि सरमस्तपुर में चहारदीवारी निर्माण नही कराया गया तो कभी भी अनहोनी हो सकती है। बिजली का जर्जर तार खतरे को आमंत्रित कर रहा है। एक ट्रासफॉर्मर से एक से आठ वार्ड तक बिजली आपूर्ति की जाती है जिससे सही तरीके से बिजली नहीं मिल पाती। मटिहानी गाव में अतिक्रमण के कारण आवागमन प्रभावित हो रहा है। ग्यासपुर शिव मंदिर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। उमवि दक्षिण की जमीन का कुछ रकवा किसी ने गुप्त तरीके से दूसरे के नाम रजिस्ट्री कर दी है जिससे बच्चों को स्कूल जाने का रास्ता ही बंद हो चुका है। अधिकतर आगनबाड़ी केंद्र निजी मकान में संचालित किए जा रहे हैं। कमलपुरा बैंक चौक से फतेहाबाद जाने वाली पक्की सड़क जर्जर हो चुकी है। ग्यासपुर से कटारू होते हुए फुलवरिया मठ तक जाने वाली मुख्य सड़क के जर्जर हो जाने से लोग परेशान हैं।

loksabha election banner

चौपाल में हुए शामिल

शशिभूषण सिंह, शिवशकर पाडेय, कृषणदन सिंह, विशेश्वरनाथ सिंह, सोनेलाल पासवान, रामलाल पासवान, सुरेश सिंह, संकेश कुमार यादव, शशि भूषण ठाकुर, संतोष कुमार यादव, प्रमोद राय, अमरेश कुमार राय, सरोज ठाकुर, राकेश सिंह, विजय कुमार, विभूति कुमार सिंह, रामचंद्र यादव, बबन ठाकुर, अजीत कुमार सुमन, रामेश्वर गुप्ता, रमेश सिंह।

पंचायत एक नजर

आबादी - 11000

मतदाता - 7200

इंटर कॉलेज - 01

हाईस्कूल - 01

म वि -05

प्राथमिक वि- 02

आगनबाड़ी केंद्र -09

जनवितरण दुकान -05

बेरोजगार - 1500

नौकरी - 900। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आवास मे सुधार करते हुए भय, भ्रष्टाचार और दलाल मुक्त समरस समाज का निर्माण कर आदर्श पंचायत बनाने की इच्छा है। पंचायत के गावों में आपसी भाईचारा व सद्भाव बना रहे तो विकास की अगली कतार में खड़ा होने से कोई रोक नहीं सकता। हमारी कोशिश है कि शिक्षा का दीया गरीबों के घरों में जलाई जाए तो निश्चित यह पंचायत आर्थिक, सामाजिक सास्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से एक विकसित पंचायत के नाम से जानी जाएगी। प्रमोद कुमार सिंह, मुखिया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.