खुदीराम बोस केंद्रीय कारा पहुंची जांच टीम, तहकीकात शुरू
जेल में बंद महिला बंदी ने पीएम को पत्र लिखकर की थी यौन शोषण की शिकायत। डीपीएम की अध्यक्षता में डीएम ने सीसीटीवी का फुटेज खंगाला कई महिला बंदियों व आरक्षी से पूछताछ।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। केंद्रीय खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में महिला बंदियों से यौन शोषण की शिकायत की जांच शुरू हो गई है। डीएम आलोक रंजन घोष द्वारा गठित जांच टीम कारा पहुंची। डीपीएम (आइसीडीएस) ललिता सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम ने यहां सीसीटीवी फुटेज खंगाला। कई महिला बंदियों से भी जानकारी ली गई।
टीम को सहयोग देने के लिए एसडीओ पूर्वी डॉ. कुंदन कुमार भी इस दौरान मौजूद थे। टीम डीएम को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं जिस महिला ने पीएम, महिला आयोग, मुख्यमंत्री समेत कई वरीय पदाधिकारियोंको पत्र भेजा था वह जमानत पर बाहर निकल चुकी है। इस बीच मामले की खबर मीडिया में आने के बाद राज्य की महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। संभवत: टीम सोमवार को यहां पहुंच सकती है।
मालूम हो कि एक महिला बंदी ने पत्र लिखकर कहा था कि यहां महिला बंदियों के साथ यौन शोषण होता है। इन्कार करने पर मारापीटा जाता है। वहीं खाना भी नहीं दिया जाता। वहीं जो महिला बंदी शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार होती उसे मोबाइल से बात कराने व अन्य तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। पत्र मिलने पर पीएम कार्यालय ने डीएम व राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी।
डीएम ने कहा, आरोप गंभीर, जांच के बाद स्पष्ट होगी स्थिति
इस मामले में डीएम ने कहा कि आरोप गंभीर हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद पांच सदस्यीय टीम जांच कर रही। इसमें जो बातें सामने आएगी उस आधार पर कार्रवाई होगी।
जेल आइजी मिथिलेश मिश्रा ने कहा कि महिला बंदी के आरोप की जांच के लिए डीएम को पत्र लिखा गया था। पत्र के आलोक में जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि जांच टीम जेल में पहुंचकर सभी बिंदुओं पर तहकीकात की। सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाला। सभी का बयान दर्ज किया। कोई साक्ष्य नहीं मिला।