मुजफ्फरपुर Central jail में अपराध से सने हाथ बना रहे लहठी, जानिए Muzaffarpur News
शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में पहले चरण में एक महिला समेत चार सजायाफ्ता बंदियों ने शुरू किया काम। जेल के अन्य बंदियों को भी प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाने की चल रही तैयारी।
मुजफ्फरपुर [संजय कुमार उपाध्याय]। शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर के बंदी लहठी (लाह से चूड़ी) तैयार कर रहे हैं। इस काम में हत्या जैसे संगीन अपराध में सजा पाए चार बंदी लगे हैं। इन बंदियों में पहले से ही लहठी बनाने का गुण विद्यमान था। कारा प्रशासन ने इस जानकारी के मिलने के बाद सभी बंदियों को एक साथ किया है। लहठी तैयार करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कच्चा माल (लाह व अन्य सामग्री) मुहैया कराया जाता है। पिछले एक महीने से शुरू हुए इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के बाद योजना को विस्तृत स्वरूप देने के लिए विभागीय स्तर पर कवायद तेज कर दी गई है।
चार से बढ़कर संख्या हो जाएगी चालीस
बताया गया है कि सरकार की योजना के अनुरूप विभिन्न तरह के अपराध में सजा पा चुके बंदियों को जेल से निकलने से पहले हुनरमंद बनाया जा रहा है। ताकि, जेल से बाहर जाने के बाद वे एक ईमानदार जीवन जी सके। इसके तहत फिलहाल मो. अली, खैरून नेशा, हाफिज और अब्दुल रसीद लहठी बना रहे हैैं। इनके द्वारा तैयार की गई लहठी की क्वालिटी देखी जा रही है। इसके सफल होने के बाद इन्हें अन्य बंदियों को प्रशिक्षित करने में लगाया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए योजना तैयार
बताया गया है कि ज्यादा से ज्यादा बंदियों को हुनरमंद बनाने की योजना के तहत चार से लहठी बनानेवालों की संख्या 40 करने के लिए कारा प्रशासन ने प्रशिक्षण प्रारूप तैयार कर लिया है। इसपर मुख्यालय से सहमति प्राप्त कर जल्द ही इसे विस्तारित किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की मॉनीटरिंग जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह स्वयं कर रहे हैं।
इस बारे में कारा अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि 'जेल में सजायाफ्ता बंदियों को रोजगार परक कार्यों का प्रशिक्षण देने की दिशा में काम चल रहा है। चार सजायाफ्ता बंदी लहठी तैयार कर रहे हैं। इस प्रयोग के सफल होने के बाद आगे अन्य बंदियों को भी विभागीय नियमों के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।'