Move to Jagran APP

AES पर प्रधान सचिव सख्त, बोले- रात एक से सुबह 6 बजे तक वार्ड में वरीय चिकित्सक का रहना अनिवार्य

एईएस की समीक्षा करते हुए प्रधान सचिव ने कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इलाज में लापरवाही पर सकरा पीएचसी के चिकित्सक पर चल रही विभागीय कार्रवाई।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 09:43 AM (IST)
AES पर प्रधान सचिव सख्त, बोले- रात एक से सुबह 6 बजे तक वार्ड में वरीय चिकित्सक का रहना अनिवार्य
AES पर प्रधान सचिव सख्त, बोले- रात एक से सुबह 6 बजे तक वार्ड में वरीय चिकित्सक का रहना अनिवार्य

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस की समीक्षा में प्रधान सचिव संजय कुमार ने सख्त लहजे में कहा कि अब एसकेएमसीएच, सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी में रात एक से सुबह छह बजे तक वरीय चिकित्सकों का एईएस वार्ड में रहना अनिवार्य होगा। इसकी जिलाधिकारी व सिविल सर्जन खुद निगरानी करेंगे। 

loksabha election banner

पिछले साल वाला इस बार भी ट्रेंड 

अब तक एईएस का जो ट्रेंड है उसमें अलसुबह में बच्चे ज्यादा बीमारी होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी एईएस से जिन बच्चों की मौत हुई उनमें बीमारी रात में हुई। वहीं, जो सुबह छह बजे तक अस्पताल नहींं पहुंचे, उनकी हालत गंभीर होने के बाद मौत हो गई। पिछले साल के रिकॉर्ड के अनुसार 72 फीसदी बच्चों को बीमारी ने रात एक से सुबह छह बजे के बीच ही प्रभावित किया है। बीमारी होने से पहले कोई भी दूसरा लक्षण पीडि़त में नहीं दिखता है। अचानक चमकी व बुखार होता और समय पर अस्पताल नहीं आया तो उसकी मौत भी हो सकती है। 

तीन बच्चों की हो चुकी है मौत

अभी जिले में 27 मार्च से छह मई तक एईएस के नौ मरीज आए हैं। इसमें तीन बच्चों की मौत हो गई है। इसमें सकरा रेफरल अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। संबंधित चिकित्सक पर विभागीय कार्रवाई चल रही है। 

मुख्यालय से जारी प्रोटोकॉल पर बना है ड्यूटी रोस्टर

 सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि चिकित्सक व नर्सों की ड्यूटी का रोस्टर पहले से ही राज्य मुख्यालय के जारी प्रोटोकॉल पर बना हुआ है। विशेष वाट्सएप ग्रुप बना है, जिससे निगरानी हो रही है। हर रोज इनके वार्ड में आने व जाने का समय लिखा जाता है। ड्यूटी के दौरान फोटो खींचकर भेजनी है। 

दर्जनभर बच्चे क्योर होकर गए

एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपालशंकर सहनी ने बताया कि अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर रहते हैं। हर स्तर पर इलाज हो रहा और दर्जनभर बच्चे क्योर होकर भी गए हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.