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समस्तीपुर में राष्ट्रपति ने कहा- कम स‍िंचाई में बेहतर फसल उगाने की आवश्यकता

समस्तीपुर के जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री बने जिन्होंने गरीबों तथा पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान में काफी योगदान दिया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 02:47 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 02:47 PM (IST)
समस्तीपुर में राष्ट्रपति ने कहा-  कम स‍िंचाई में बेहतर फसल उगाने की आवश्यकता
समस्तीपुर में राष्ट्रपति ने कहा- कम स‍िंचाई में बेहतर फसल उगाने की आवश्यकता

मुजफ्फरपुर (जेएनएन) । समस्तीपुर के डॉ.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोव‍िंद ने कहा कि केन्द्रीय संस्थान बनने के बाद यह पहला दीक्षांत समारोह उल्लासपूर्ण माहौल में हो रहा है। मैं सभी उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले को बाधाई देता हूं। बच्चों का उत्साह और उर्जा देखकर प्रसन्नता हो रही है। यहां आने के बाद भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की स्मृति जीवंत हो जाती है। उनका विद्यार्थी जीवन और विचार प्रेरणादायी है। 

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   उन्होंने कहा कि समस्तीपुर में मैथिली कवि विद्यापित के नाम से रेलवे स्टेशन है। खुदीराम बोस के नाम से रेलवे स्टेशन है। समस्तीपुर के जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री बने। गरीबों तथा पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान में उन्होंने काफी योगदान दिया। यहां की कविता से लेकर क्रांति तक तथा सामाजिक समरसात से कृषि क्षेत्र तक समस्तीपुर जिले का अहम योगदान है। यहां के लोग सरल, स्नेही स्वभाव एवं अतिथि सत्कार के लिए जाने जाते हैं।
   छठ पूजा में हर गली से लेकर सड़क तक स्वच्छ बना देना देश के लिए मिसाल है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके हृदय में बिहार के लिए विशेष स्थान है। देश के कृषि वैज्ञानिकों पर गर्व है। जिन्होंने खाद्य सुरक्षा प्रदान की। आज भारत कृषि उत्पाद का निर्यात कर विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है। जिसमें समस्तीपुर के किसानों का अहम योगदान है। बिहार के राज्यपाल होने के नाते राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय का कुलाधिपति था। आज राष्ट्रपति होने के नाते कुलाध्यक्ष के रुप में यहां आना गर्व का विषय है।
यहां बीस राज्यों के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे

राष्ट्रपति ने कहा कि यहां बीस राज्यों के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जिसकी संख्या चालीस प्रतिशत है। कुलपति एवं अधिकारियों को सुझाव दिया कि देश के बीस राज्यों के बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन बच्चों को राजेन्द्र बाबू का गांव जीरादेई का अवश्य भ्रमण कराएं। ताकि राजेन्द्र बाबू के नाम से स्थापित इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं राजेन्द्र बाबू के विषय में जान सकें। समझ सकें। इससे बच्चों में राष्ट्रसेवा की प्रेरणा मिलेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार में कृषि के क्षेत्र में काफी कार्य हुआ है।
   इसलिए मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देता हूं। किसानों को डिजीटल सेवा से जोडऩे, किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड एवं नीम कोटेड यूरिया उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री को भी बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का कृषि उत्पादन के क्षेत्र में काफी योगदान है। मक्का, समेत अन्य फसलों के श्रेष्ठतम प्रजाति की शुरूआत करने का श्रेय इसी विश्वविद्यालय को जाता है। कृषि तकनीक को सुधार कर, मक्का एवं मशरूम समेत कई फसलों की श्रेष्ठतम प्रजाति यहां विकसित की गई।
    बिहार को सर्वश्रेष्ट पशुपालन राज्य का दर्जा मिला। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि देश की आबादी को देखते हुए खेती लायक जमीन और स‍िंचाई की कमी है। इसके लिए कम स‍िंचाई में बेहतर फसल उगाने की आवश्यकता है। केन्द्र सरकार ने कृषि तथा कृषि पर आधारित योजनाओं को बढावा दिया है। मुद्रा योजना जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई है। इस तरह की सुविधाओं का समूचित उपयोग कर लोगों को जीविका से साथ-साथ रोजगार देकर सफल बना सकते हैं।
   उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं से कहा कि रोजगार के साथ कृषि कार्य में भी योगदान दें। किसानों की खुशहाली से ही शिक्षा का मापदंड होगा। 31 स्वर्ण पदक विजेताओं में 25 बेटियां हैं। देश की इन बेटियों पर नाज है। राष्ट्रपति ने कहा कि कलाइमेंट चेंज भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। केन्द्र सरकार ने इस दिशा में पहल की है। ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।


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