गार्बेज टिपर घोटाले के आरोपितों को नोटिस भेजने की तैयारी
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हो सकती है गिरफ्तारी। खंगाली जा रहीं फाइलें, तैयार की जा रही आरोपितों की कुंडली।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गार्बेज टिपर खरीद घोटाले के आरोपितों को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा। सोमवार से आरोपितों को नोटिस भेज जवाब मांगा जा सकता है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती। ब्यूरो के अधिकारी न सिर्फ घोटाले से संबंधित फाइलों को खंगाल रहे, बल्कि आरोपितों की कुंडली भी तैयार कर रहे।
सूत्रों के अनुसार, निगरानी विभाग अगले हफ्ते बड़ी कार्रवाई कर सकता है। घोटाले के आरोपितों में महापौर सुरेश कुमार, पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, पूर्व प्रभारी नगर आयुक्त ने रंगनाथ चौधरी, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह, सहायक अभियंता नंद किशोर ओझा एवं महेंद्र प्रसाद समेत तीन कनीय अभियंता शामिल हैं। जांच में कई और लोगों की संलिप्तता तलाशी जा रही है।
महापौर ने लगाया फंसाने का आरोप
महापौर सुरेश कुमार ने कहा है कि उनको राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। गार्बेज टिपर की खरीद से उनका कोई लेना-देना नहीं है। आपूर्तिकर्ता के भुगतान की फाइल आने पर उन्होंने सिर्फ अनुशंसा की थी। उन्होंने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। जांच के बाद सच सामने आए जाएगा।
महापौर की सवारी को लेकर उठ रहे सवाल
निकटतम प्रत्याशी संघ के अध्यक्ष सुधीर कुमार ठाकुर ने महापौर की गाड़ी पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि महापौर जिस गाड़ी की सवारी कर रहे, वह निजी वाहन है। निजी वाहन को किराया पर नहीं लगाया जा सकता। लेकिन, महापौर की सवारी निजी होने के बाद भी निगम उसे भाड़े पर रखकर भुगतान कर रहा है। उन्होंने इसकी जांच की मांग की है।