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समस्तीपुर में कोरोना की तीसरी वेब से निपटने के लिए तैयारियां तेज, टास्क फोर्स गठित

कोरोना संक्रमण की इस वेब में सर्वाधिक प्रभावित होंगे बच्चे अनलॉक में कोविड नियमों की अनदेखी पड़ेगी भारी पीएचसी स्तर पर पांच व सीएसची स्तर पर होनी है 10 बेड की व्यवस्था कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का पालन जरूरी है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 04:13 PM (IST)
समस्तीपुर में कोरोना की तीसरी वेब से निपटने के लिए तैयारियां तेज, टास्क फोर्स गठित
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है।

समस्तीपुर, जासं। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संभावित तीसरे वेब को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। अनुमान है कि तीसरे वेव में सबसे अधिक बच्चे प्रभावित होंगे, इसे लेकर वृहद पैमाने पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इस बार इलाज संभव हो सकेगा। दूसरे वेव के दौरान मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही बेड की अनुपलब्धता जैसी परेशानियों से निपटने के लिए प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांच बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 10 बेड के अलावा जिले में कई अन्य सेंटर भी बनाए जाएंगे। इन सभी सेंटरों पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व कई ऑक्सीजन सिलिंडर भी होंगे।

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जुलाई के पहले सप्ताह से सतर्क रहने की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना का तीसरा वेव कब आएगा इसे लेकर कोई निश्चित अविध नहीं है। लेकिन लाकडाउन की समाप्ति के बाद बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। ऐसे में कोविड नियमों का सही से पालन भी नहीं हो रहा है। इस स्थिति में कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बताया गया है कि कोई भी संक्रमण का असर तीन सप्ताह के बाद दिखना शुरू हो जाता है। यदि लोग कोरोना को लेकर सतर्क नहीं रहे तो गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

खांसी व जुकाम हो तो तत्काल कराएं जांच

बच्चे को यदि खांसी व जुकाम हो तो उसे गंभीरता से लें। इस स्थिति में उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं और डॉक्टर से दिखाएं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटीजन किट से जांच की सुविधा होगी। हालांकि इस बीमारी से निपटने को लेकर ग्रामीण चिकित्सकों को भी ट्रेनिंग देने की बात कही गई है। जो मरीजों में संभावित लक्षण दिखने पर उन्हें जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेज सकें।

बच्चों पर संभावित खतरा को लेकर टास्क फोर्स गठित

कोविड-19 के कारण बच्चों पर होने वाले संभावित खतरा को देखते हुए जिला स्तर पर बच्चों के इलाज हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नागमणि को टीम का संयोजक नामित किया है। इसमें बच्चों को यदि कोविड होता है तो उसके लिए आवश्यक प्रोटोकॉल, दवाओं एवं उपकरण का निर्धारण करने को कहा गया है।

जिला स्तर पर सरकारी एवं निजी में उपलब्ध सुविधा का आकलन करने को भी कहा गया है। चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर के लिए भवन का चयन करने पर भी जोर दिया जा रहा है। बच्चों में संभावित खतरे को देखते हुए व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। इसमें उप विकास आयुक्त संजय कुमार को वरीय प्रभारी पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता शिवानी शुभम को प्रशासनिक पदाधिकारी, सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक गायत्री कुमारी, सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विभाष रंजन, डॉ. निशांत को सदस्य मनोनित किया गया है।


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