Cyber crime : पुलिस प्रशासन की तैयारी अधूरी, जानिए इससे पीडि़त लोगों को न्याय दिलाने वाली प्रक्रिया का हाल
Cyber crime पहले से दर्ज मामलों की जांच कर रहे अधिकारियों को सिटी एसपी ने दिया टास्क।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। साइबर क्राइम को रोकने के लिए पुलिस के दावे कहीं से कमजोर नहीं हैैं। लेकिन सच इसके विपरीत है। भुक्तभोगियों को इंसाफ के के लिए सालों चक्कर लगाना पड़ता है। वजह पुलिस के पास संसाधन व संख्या बल की कमी। इन सबके बीच एक बार फिर नई रणनीति के साथ पुलिस ने दावा किया है कि अब कोई साइबर क्राइम में ठगा नहीं जाएगा।
लोगों को किया जाएगा जागरूक
साइबर फ्रॉड पर रोक के लिए पुलिस ने आक्रामक योजना बनाई है। इसके लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। निकट भविष्य में पुलिस आर्थिक अपराध इकाई के साथ मिलकर लोगों को प्रशिक्षित करेगी।
जांच अधिकारियों को एसपी ने दिया टिप्स
नगर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने साइबर अपराध को लेकर विभिन्न थानों में दर्ज मामलों को देखा है। इसके बाद संबंधित मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों को बेहतर जांच के लिए आवश्यक टिप्स दिए हैं। कहा है कि अधिकारी मामलों की जांच के दौरान लोगों को जागरूक भी करें। ताकि, अनजाने में लोग ठगी के शिकार नहीं हो।
आम आदमी को बरतनी होगी सावधानी
साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए आम आदमी को जागरूक होने की जरूरत है। साइबर अपराधी आम आदमी के खातों के बारे में जानकारी जुटाते हैं। फिर संबंधित व्यक्ति के सेलफोन पर फोन कर उसके खाते के बारे में थोड़ी सी सामान्य जानकारी देते हैं। फिर संबंधित खाताधारक से उनके डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड के नंबर व वैधता तिथि की के बारे में कुछ सवाल पूछते हैं। जैसे ही अनजाने में कोई व्यक्ति इस तरह की जानकारी दे देता है तो फिर पलक झपकते उसके खाते से रुपये उड़ा लेते हैैं। पुलिस के मुताबिक वक्त-वक्त पर बैंकों की ओर से एडवाइजरी जारी की जाती है। जिसमें यह साफ किया जाता है कि किसी भी स्थिति में अपने खाते से संबंधित जानकारी किसी से भी साझा नहीं करें। ऐसे में जागरूकता जरूरी है।
प्राथमिकी के बाद इंसाफ का इंतजार
सादपुरा पोखरिया पीर न्यू कॉलोनी निवासी डॉ. वैद्यनाथ सिंह ने 17 दिसंबर 2019 को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि बनारस बैंक चौक स्थित एक एटीएम से 25 हजार की निकासी की। इसी दौरान दो उचक्के ताकझांक कर रहे थे। उन्हें डांटकर भगाया था। रुपये निकासी कर घर लौटे। अगले दिन पांच बार में खाता से पचास हजार की अवैध निकासी का मैसेज मोबाइल पर आया। फिर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। लेकिन, पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई आगे नहीं कर सकी।
पुलिस खाली हाथ
वहीं सदर थाना के सुभाष नगर की अनुराधा कुमारी ने भी नगर थाना में 22 हजार की अवैध निकासी की प्राथमिकी दर्ज कराई। लेकिन इस मामले में भी अबतक पुलिस खाली हाथ है। इस बारे में नगर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने कहा कि साइबर अपराध पर रोक लगाने को लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसको लेकर पूर्व में एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा चुका है। आगे भी आर्थिक अपराध इकाई के साथ शिविर आयोजित कर पुलिस अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करेंगे। ताकि आम आदमी तक तमाम सूचनाएं जा सकें।