BPSC में पूर्वी चंपारण के प्रतीक को 7वीं और बगहा के आशीष को 11 वीं रैैंक
पूर्वी चंपाण जिले के एस. प्रतीक को बीपीएससी की परीक्षा में सातवीं रैंक मिली प्रतीक ने कहा सफलता के लिए खुद रास्ता बनाना पड़ता है वहीं पश्चिम चंपारण के आशीष अग्रवाल ने 11 वीं रैैंक हासिल की। उन्होंने कहा-कठिन परिश्रम और निरंतर अभ्यास से सफलता संभव
पू. चंपारण (चकिया ), जासं। शहर के आफिसर कॉलोनी निवासी चिकित्सक टीएन शुक्ला के पौत्र एस. प्रतीक को 65 वीं बीपीएससी की परीक्षा में सातवीं रैंक मिली। सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। दूरभाष पर बताया कि सफलता पाने के लिए खुद रास्ता बनाना पड़ता है । जरूरी है कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अपने मजबूत पक्ष को पहचाने और उसके मुताबिक रणनीति बनाएं । सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करना बेहतर होता है। प्रतीक को 64 वीं बीपीएससी परीक्षा में 53 वीं रैंक मिली थी।
उनके पिता अनिल शुक्ला और माता राजमणि ने बताया कि प्रतीक ने वर्ष 2008 में डीएवी मुजफ्फरपुर से मैट्रिक, वर्ष 2010 में डीएवी रांची से इंटर और उसी वर्ष प्रथम प्रयास में आइआइटी प्रवेश परीक्षा पास की। वर्ष 2014 में आइआइटी रुड़की से सिविल ट्रेड से बीटेक पास किया । इसी दौरान कैंपस सेलेक्शन बीसीसीएल धनबाद में सहायक प्रबंधक पद पर हुआ था।
बीपीएससी बगहा के आशीष अग्रवाल को मिली 11 वीं रैैंक
बगहा ( प. चंपारण)। 65 वीं बिहार प्रशासनिक सेवा (बीपीएससी) की परीक्षा में शहर के हनुमान गढ़ी मोहल्ला निवासी आशीष अग्रवाल ने 11 वीं रैंक हासिल की है। उन्हें सब रजिस्ट्रार का पद मिला है। आशीष ने बताया कि आत्मविश्वास और धैर्य सफलता के माध्यम हैं। कठिन परिश्रम और निरंतर अभ्यास से किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल की जा सकती है । सफलता का श्रेय पिता व कपड़ा व्यवसायी मनोज कुमार अग्रवाल और माता उमा देवी को दिया । कहा कि किताबों को पढऩे से जानकारी विकसित होती है। देवी मंगल ङ्क्षसह उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आशीष दिल्ली चले गए । वहां से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद पिलानी से बी फार्मा किया । आशीष ने बताया कि चौथा प्रयास था । अब यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करना लक्ष्य है।